22 February 2021

7191 - 7195 मुहब्बत राज दोस्ती दुश्मन दुश्मनी शायरी

 

7191
दोस्त, तुझको रहम आए,
तो क्या करूँ.......
दुश्मन भी मेरे हालपें,
अब आब-दीदा हैं.......
                  लाला माधव राम जौहर

7192
मुझे मेरे दोस्तोंसे,
बचाइये राही...
दुश्मनोंसे मैं,
ख़ुद निपट लूँगा...!
सईद राही

7193
वो दुश्मन बनकर,
मुझे जितने निकले थे...
मुहब्बत कर लेते तो,
मैं खुद ही हार जाता.......!

7194
दुश्मनोंसे पशेमान होना पड़ा,
दोस्तोंका खुलूस आजमानेके बाद...!
                    बारहबंकवीं

7195
हम राजा हैं,
हमें शराफतसे राज करने दो l
अगर हम महाराजा बनें तो,
हर दुश्मनका जीना हराम कर देगें ll

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