23 February 2021

7196 - 7200 प्यार उम्र किस्मत सुलूक फर्क फितरत साहिल दोस्ती दुश्मनी शायरी

 

7196
किस दोस्तको,
अपना समझूँ...
सबके सब दोस्त हैं,
दुश्मनकी तरफ़...
          अर्श मलसियानी

7197
एक नाम क्या लिखा तेरा,
साहिलकी रेतपर...
फिर उम्रभर हवासे,
मेरी दुश्मनी रहीं.......!

7198
यह दोस्तोंका रवैया,
यह दुश्मनोंका सुलूक...
सच पूछो तो दोनोंमें,
कोई फर्क नहीं हैं.......!
                 जगन्नाथ आजाद

7199
दुश्मनोंसे प्यार होता जायेगा,
दोस्तोंको आजमाते जाइएँ...

7200
दुश्मन भी दुआ देते हैं,
मेरी फितरत ऐसी हैं l
दोस्त भी दगा देते हैं,
मेरी किस्मत ऐसी हैं ll

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