3 March 2021

7221 - 7225 जिंदगी दुनिया जीवन इल्जाम साथ फर्क गुनाह अजीब दोस्त यार शायरी

 

7221
वो दोस्त जीवनभर,
क्या साथ देंगे जिन्होने...
चौराहेपर हवलदार देखकर,
गाड़ीसे उतार दिया.......

7222
कैसे अजीब लोग बसे हैं,
तेरी दुनियामें, खुदा...
शौक-ए-दोस्ती भी रखते हैं,
और यादभी नहीं करते.......

7223
दो रास्ते जिंदगीके,
दोस्ती और प्यार...
एक मस्तीसे भरा,
और दुसरा इल्जामसे...

7224
खता मत गिन दोस्तीमें,
कि किसने क्या गुनाह किया...!
दोस्ती तो एक नशा हैं,
जो तूनेभी किया और मैनेभी किया...!!!

7225
फर्क तो अपनी,
सोचमें हैं जनाब...
वर्ना दोस्तीभी मोहब्बतसे,
कम नहीं होती.......!!!

No comments:

Post a Comment