10 March 2021

7251 - 7255 दौलत हौसला हसीन पलदोस्त कमजोर यार शायरी

 

7251
कि तुझ बिन इस तरह...
दोस्त घबराता हूँ मैं;
जैसे हर शयमें किसी शयकी,
कमी पाता हूँ मैं...ll
                     जिगर मुरादाबादी

7552
कभी जिंदगीके धागे टूट जाए,
तो दोस्तोंके पास जाना...!
दोस्त हौसलोंके दर्ज़ी होते हैं,
मुफ्तमें रफू कर देते हैं.......!!!

7253
एक हसीन पलकी जरूरत हैं हमें,
बीते हुए कलकी जरूरत हैं हमें...
सारा जहाँ रूठ गया हमसे,
जो कभी ना रूठे,
ऐसे दोस्तकी जरूरत हैं हमें.......

7254
कमजोरियाँ मत ढूंढना,
मुझमें तुम मेरे दोस्तों...
तुम भी शामिल हो,
मेरी कमजोरियोंमें.......!

7255
दौलतसे दोस्त बने वो,
दोस्त नहीं दोस्तों...
पर सच कहूँ तो दोस्त जैसी,
कोई दौलत नहीं.......!!!

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