7331
तुम मिल गए तो,
मुझसे नाराज़ हैं खुदा...!
कहता हैं कि तू अब.
कुछ माँगता नहीं हैं.......!
7332अपनी तबीयतका भी,अलग ही मिजाज हैं...लोग मौतसे डरते हैं,हम उनकी नाराज़गीसे...
7333
ऐ गमे-दुनिया,
न हो नाराज़...
ऐ गमे-दुनिया,
न हो नाराज़...
मुझको आदत हैं,
मुस्कुरानेकी.......
अब्दुल हमीद अदम
मुस्कुरानेकी.......
अब्दुल हमीद अदम
7334
सारा जहाँ चुपचाप
हैं,
आहटें ना साज़
हैं;
क्यों हवा ठहरी
हुई हैं...
आप क्या नाराज़ हैं...?
7335
कहीं नाराज़ न हो जाए,
कहीं नाराज़ न हो जाए,
उपरवाला
मुझसे...
हर सुबह उठते ही, उससे पहले...
तुझे जो याद करता हूँ.......!
हर सुबह उठते ही, उससे पहले...
तुझे जो याद करता हूँ.......!
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