7276
ये न थी हमारी क़िस्मत कि,
विसाल-ए-यार होता...
अगर और जीते रहते,
यही इंतिज़ार होता.......
मिर्जा गालिब
7277हसरत-ए-इंतिज़ार-ए-यार न पूछ,हाए वो शिद्दत-ए-इंतिज़ार न पूछ...नून मीम राशिद
7278
नहीं इलाज-ए-ग़म-ए-हिज्र-ए-यार क्या कीजे,
तड़प रहा है दिल-ए-बेक़रार किया कीजे...?
जिगर बरेलवी
7279कोई पागल, कोई खब्तीकोई सौदाई...महफिले-यार शफाखाना हैं,बीमारोंका.......llकौसर बारानवी
कुछ इस अदासे,
यारने पूछा मेरा मिजाज...
कहना ही पड़ा शुक्र हैं,
परवरदिगारका.......!
जलील मानिकपुरी
No comments:
Post a Comment