7231
अपनी दोस्तीका बस,
इतनासा असूल हैं...
ज़ब तू कुबूल हैं,
तो तेरा सबकुछ कुबूल हैं...!
7232सच्ची दोस्ती बेजुबान होती हैं,ये तो आँखोसे बयाँ होती हैं;दोस्तीमें दर्द मिले तो क्या,दर्दमें ही दोस्तीकी पहचान होती हैं ll
7233
दोस्ती बड़ी नहीं होती...
निभाने वाला बड़ा होता हैं...!
7234निगाहें बदल गयी,अपने और बेगानेकी...तू न छोड़ना दोस्तीका हाथ, वरना...तम्मना मिट जायेगी,कभी दोस्त बनानेकी.......
7235
तासीर इतनी ही काफी हैं,
की वो मेरा दोस्त हैं;
क्या ख़ास हैं उसमे,
ऐसा कभी सोचा ही नहीं...!
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