12 March 2021

7261 - 7265 ज़िन्दगी रिश्ता खूबसूरत मुकदमा मुलाक़ात उदासी कायनात दोस्त यार शायरी

 

7261
सोचता हूँ... कुछ दोस्तोंपर,
मुकदमा कर दूँ.......
इसी बहाने तारीखोंपर,
मुलाक़ात तो होगी.......!

7262
ज़िन्दगी हमें बहुत,
खूबसूरत दोस्त देती हैं, लेकिन;
अच्छे दोस्त हमें,
खूबसूरत ज़िन्दगी देते हैं...!!!

7263
लोग कहते हैं ज़मींपर,
किसीको खुदा नहीं मिलता l
शायद उन लोगोंको,
दोस्त कोई तुमसा नहीं मिलता ll

7264
मैं कोई रिश्ता नहीं हूँ,
जो निभाओगे मुझे...
बस दोस्त हूँ,
दोस्तीसे ही पाओगे मुझे...!

7265
ज़रासी उदासी हो,
और वो कायनात पलट दे...
ऐसा भी इक,
दोस्त तो होना चाहिए.......!

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