14 March 2021

7266 - 7270 राज़ वसीयत खैरियत अहमियत वास्तव दोस्त यार शायरी

 

7266
हर दोस्तको,
हर राज़ मत बताओ...
सुना हैं दोस्तोंकेभी,
दोस्त होते हैं.......

7267
बच्चे वसीयत पूछते हैं,
रिश्ते हैसियत पूछते हैं;
वो दोस्तही हैं जो,
मेरी खैरियत पूछते हैं...!

7268
हमने अपने नसीबसे ज्यादा,
अपने दोस्तोंपर भरोसा रखा हैं l
क्यूंकि नसीब तो बहोत बार बदला हैं,
पर मेरे दोस्त अभीभी वहीं हैं ll

7269
एक जैसे दोस्त सारे नहीं होते, 
कुछ हमारे होकरभी हमारे नहीं होते; 
आपसे दोस्ती करनेके बाद महसूस हुआ, 
कौन कहता हैं 'तारे ज़मीं पर' नहीं होते...!

7270
कुछ दोस्त वास्तवमें,
अदरक जैसे होते हैं...
उनकी अहमियत उन्हें,
कूटनेपरही पता चलती हैं.......!

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