24 February 2017

1005 जिन्दगी साथ बसंत शायरी


1005
"तेरा साथ हैं तो जिन्दगीमें "बसंत" हैं.,
बिन तेरे मेरी जिन्दगीका "बस-अंत" हैं l"

1003 जिंदगी जुगनु दिया अंधेरे दोस्त पता शायरी


1003
जुगनु भी तो दिया हैं मेरे दोस्त,
अंधेरेमेही जिंदगी अपना पता बताती हैं

1004 दिल धडकन बदनाम शायरी


1104
दिलका नाम धडकन हैं,
जो खुदाने दी हैं,
धडकन रुक जाय तो…
खुदा बदनाम न हो जाएँ…?

1002 चिराग दिपक आँधी दम शायरी


1002
चिराग का दुसरा नाम दिपक भी हैं,
दिपक तो जलतेही रहते हैं।
आँधीमें इतना दम कहाँ
जो दिपक को बुझा दे।

1001 जिंदगी बँदगी गिरना संभल सँवर शायरी


1001
गिरकर संभलना,
संभलकर जिंदगी सँवरना;
यहीं तो जिंदगी हैं,
बँदगी इससे बढकर क्या होती हैं।

20 February 2017

1000 नफरत प्यार थक मौका शायरी


1000
जब नफरत करते करते थक जाओ,
तो एक मौका प्यार को भी दे देना !

999 मोहब्बत दिल्लगी आखरी ख्वाहिश शायरी


999
न जाने ऐसी भी क्या,
दिल्लगी थी तुमसे...
मैने आखरी ख्वाहिशमें भी,
तेरी मोहब्बत मांगी !!!

998 हौसला याद मेहनत हासिल तख्तोताज मंज़िल अंधेरा जुगनू रौशनी मोहताज़ शायरी


998
जब टूटने लगे हौसला,
तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनतके,
हासिल तख्तोताज नहीं होते,
ढूंढ लेना अंधेरोमें,
मंज़िल अपनी,
जुगनू कभी रौशनीके,
मोहताज़ नहीं होते !

997 सुकून लफ्ज़ कागज आवाज़ शायरी


997
सुकून मिलता हैं,
दो लफ्ज़ कागजपर उतार कर...
कह भी देता हूँ और...
आवाज़ भी नहीं होती l

996 निगाह मंज़िल हवा संभल चिराग आँधि कोशिश शायरी


996
निगाहोंमें मंज़िल थी;
गिरे और गिरकर संभलते रहें;
हवाओंने तो बहुत कोशिश की;
मगर चिराग आँधियोंमें भी जलते रहें।

995 मोहब्बत इजाजत नजर तबाह शायरी


995
इजाजत तो हमने भी नहीं दी थी,
मोहब्बत करनेकी उन्हें…
बस वो नजर उठाते गए,
और हम तबाह होते गए……

994 इश्क अकल मुकद्दर जुनून चीज शायरी


994
अकलवालोंके मुकद्दरमें,
ये जुनून कहाँ...
हम इश्कवाले हैं,
जो हर चीज लुटा देते हैं......!

993 हैरान सब्र आसूँ जमीं दिल चीर शायरी


993
जो हैरान हैं मेरे सब्रपर,
उनसे कह दो...
जो आसूँ जमींपर नहीं गिरते,
दिल चीर जाते हैं

992 मोहब्बत खाली हाथ दुआ शायरी


992
बिन मांगे ही मिल जाती हैं,
मोहब्बत किसीको...
कोई खाली हाथ रह जाता हैं,
हजारों दुआओंके बाद !!!

991 अहसास पास शायरी


991
तुम चले गए,
पर तेरा अहसास रह गया...
चलो कुछ न कुछ तो,
मेरे पास रह गया…...

19 February 2017

990 जानता पूछना चाहता बताना आईना पसंद शायरी


990
जानता हूँ,
मगर फिर भी पूछना चाहता हूँ...
आप आईना देखकर बताना...
मेरी पसंद कैसी हैं......!

989 मोती माला तारीफ़ धागा जोड़ शायरी


989
मालाकी तारीफ़ तो करते हैं सब,
क्योंकि मोती सबको दिखाई देते हैं...
काबिल-ए-तारीफ़ धागा हैं जनाब,
जिसने सबको जोड़ रखा हैं

987 दिल तड़प लम्हे याद खामोश नज़र भीगी पलक मुस्करा शायरी


987
दिल तड़पता रहा और वो जाने लगे,
संग गुज़रे हर लम्हे याद आने लगे,
खामोश नज़रों से देखा जो उसने मुडकर,
भीगी पलकों से हम भी मुस्कराने लगे !

988 नब्ज हँस मर्जकी दवा हकीम महफिल पुराने दोस्त शायरी


988
देखी जो नब्ज मेरी,
हँसकर बोला वो हकीम,
जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तोंके साथ..
तेरे हर मर्जकी दवा वहीं हैं…

986 दिल लाख शिकायत बयाँ शायरी


986
लाख शिकायतें हैं,
मगर कैसे करूँ बयाँ...
इधर दिल अपना,
उधर वो अपने......!