26 February 2017

1015 दिल आसान लफ्ज़ शायर दोस्त लफ्ज़ जोड़ टूट शायरी


1015
आसान नहीं हैं,
शायर बनना दोस्तो,
लफ्ज़ जोड़नेसे पहले...
दिल टूटना ज़रूरी हैं।

1013 दिल नादान हरकतें निकम्मे कदर शायरी


1013
बड़ी नादान हैं...,
इस निकम्मे दिलकी हरकतें...,
जो मिल गया उसकी कदरही नहीं,
और जो ना मिला उसे भूलता हीं...!

1014 दिल रोज सजता नादान दुलहन गम रोज बारात शायरी


1014
दिल तो रोज सजता हैं,
एक नादान दुलहनकी तरह;
और गम रोज चले आते हैं,
बाराती बनकर......!!!

1012 रात गुमसुम चाँद खामोश होश आँख गहराई हाथ जाम शायरी


1012
रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,
ऐसे डूबा तेरी आँखोंकी गहराईमें आज,
हाथमें जाम हैंमगर पिनेका होश नहीं l

1011 ज़िन्दगी खूबशूरत लम्हा तन्हाई खुश भीड़ अकेला शायरी


1011
दोस्ती ज़िन्दगीका,
एक खूबशूरत लम्हा हैं l
जिसे मिल जाये वो,
तन्हाईमें भी खुश हैं l
जिसे न मिले वो,
भीड़में भी अकेला हैं…ll

25 February 2017

1009 ज़िन्दगी हकीकत दर्द अकेले ख़ुशी जमाना शायरी


1009
ज़िन्दगीकी हकीकतको बस...
इतना जाना हैं,
दर्दमें अकेले हैं...
और ख़ुशीमें जमाना हैं...!!!

1010 माचिस तीलियाँ घर दिये जला शायरी


1010
एक जैसी ही दिखती थी, 
माचिसकी वो तीलियाँ…
कुछने दिये जलाये.. .
और कुछने घर..!

1008 आसमां ढुँढ सपना ज़मीं जीने मज़ा कमी शायरी


1008
क्या खूब कहा हैं...
"आसमांमें मत ढुँढ अपने सपनोंको,
सपनोंके लिए तो ज़मीं जरूरी हैं,
सब कुछ मिल जाए तो जीनेका क्या मज़ा,
जीनेके लिये एक कमी भी जरूरी हैं l"

1007 उलफ़त नीयत सीरत ख़ुदगर्ज़ क़ुसूर सोच हक़ीक़त शायरी


1007
उलफ़त बदल गयी......
कभी नीयत बदल गयी !!!
ख़ुदगर्ज़ जब हुए......
तो फिर सीरत बदल गयी !!!
अपना क़ुसूर.........
दूसरोंके सरपें डालकर,,,
कुछ लोग सोचते हैं...
हक़ीक़त बदल गयी !!!!!

1006 मोहब्बत सफ़र मंज़िल वफ़ा कागज़ घर ख्वाहिश तूफां शायरी


1006
मोहब्बतके सफ़रमें,
मंज़िल वफ़ाकी थी,
कागज़का घर बनाकर भी,
ख्वाहिश तूफांकी थी...

24 February 2017

1005 जिन्दगी साथ बसंत शायरी


1005
"तेरा साथ हैं तो जिन्दगीमें "बसंत" हैं.,
बिन तेरे मेरी जिन्दगीका "बस-अंत" हैं l"

1003 जिंदगी जुगनु दिया अंधेरे दोस्त पता शायरी


1003
जुगनु भी तो दिया हैं मेरे दोस्त,
अंधेरेमेही जिंदगी अपना पता बताती हैं

1004 दिल धडकन बदनाम शायरी


1104
दिलका नाम धडकन हैं,
जो खुदाने दी हैं,
धडकन रुक जाय तो…
खुदा बदनाम न हो जाएँ…?

1002 चिराग दिपक आँधी दम शायरी


1002
चिराग का दुसरा नाम दिपक भी हैं,
दिपक तो जलतेही रहते हैं।
आँधीमें इतना दम कहाँ
जो दिपक को बुझा दे।

1001 जिंदगी बँदगी गिरना संभल सँवर शायरी


1001
गिरकर संभलना,
संभलकर जिंदगी सँवरना;
यहीं तो जिंदगी हैं,
बँदगी इससे बढकर क्या होती हैं।

20 February 2017

1000 नफरत प्यार थक मौका शायरी


1000
जब नफरत करते करते थक जाओ,
तो एक मौका प्यार को भी दे देना !

999 मोहब्बत दिल्लगी आखरी ख्वाहिश शायरी


999
न जाने ऐसी भी क्या,
दिल्लगी थी तुमसे...
मैने आखरी ख्वाहिशमें भी,
तेरी मोहब्बत मांगी !!!

998 हौसला याद मेहनत हासिल तख्तोताज मंज़िल अंधेरा जुगनू रौशनी मोहताज़ शायरी


998
जब टूटने लगे हौसला,
तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनतके,
हासिल तख्तोताज नहीं होते,
ढूंढ लेना अंधेरोमें,
मंज़िल अपनी,
जुगनू कभी रौशनीके,
मोहताज़ नहीं होते !

997 सुकून लफ्ज़ कागज आवाज़ शायरी


997
सुकून मिलता हैं,
दो लफ्ज़ कागजपर उतार कर...
कह भी देता हूँ और...
आवाज़ भी नहीं होती l

996 निगाह मंज़िल हवा संभल चिराग आँधि कोशिश शायरी


996
निगाहोंमें मंज़िल थी;
गिरे और गिरकर संभलते रहें;
हवाओंने तो बहुत कोशिश की;
मगर चिराग आँधियोंमें भी जलते रहें।