3 May 2017

1285 अनकही बातें हसरतें साथ लोग झूठ खाली हाथ शायरी


1285
न जाने कितनी अनकही बातें,
कितनी हसरतें साथ ले जाएंगे...
लोग झूठ कहते हैं कि,
खाली हाथ आये थे,
खाली हाथ जाएंगे . . . 

1283 - 1284 कदर करीब अलग सोचूं अजीब याद बर्बादी भूल शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


1283
तु इस कदर मुझे,
अपने करीब लगता हैं ।
तुझे अलगसे जो सोचूं तो,
अजीब लगता हैं . . .
                                  परवीन शाकिर

1284
वो बोली क़्या अब भी,
हमारी याद आती हैं...?
हमने भी हसक़र बोला ,
अपनी बर्बादीक़ो क़ौन भूल सक़ता हैं...

1282 समझौता चाह गलत अजीब बात न्याय शायरी


1282
"कितनी अजीब बात हैं;
जब हम गलत होते हैं,
तो समझौता चाहते हैं...,
और दुसरे गलत होते हैं तो,
हम न्याय चाहते हैं...!

1281 हाल डरता आवाज सुनी कम्बख्त मोहोब्बत शायरी


1281
हाल तो पुछ लूँ तेरा...
पर डरता हूँ आवाजसे तेरी,
जब जब सुनी हैं...
कम्बख्त मोहोब्बत ही हुई हैं...!

2 May 2017

1280 जिंदगी तसवीर हँसते पलक आँसू शायरी


1280
जिंदगीने कैसी खिंची,
यह तसवीर हमारी l
छुपा न सकी वो,
हँसते हुए पलकोंके पिछेके आँसूभी ll

1278 मोहब्बत घर किराये सजा शायरी


1278
तेरी मोहब्बत भी,
किरायेके घरकी तरह थी . . .
कितना भी सजाया,,,
पर मेरी न हो सकी...

1279 किस्मत जिक्र पन्ना गुम किताब शायरी


1279
किस्मतकी किताब तो,
खूब लिखी थी मेरे रबने,
बस वहीं पन्ना गुम था . . .
जिसमे तेरा जिक्र था।

1276 दीवार कच्चे मकान लोग आँगन रास्ते शायरी


1276
दीवार क्या गिरी,
मेरे कच्चे मकानकी…
लोगोंने मेरे आँगनसे,
रास्ते बना लिए…

1277 दिल तोड़ रिश्तें साँस डोरी प्रेम बंधन शायरी


1277
दिल तोड़के जानेवाले, सुन...
दो और भी रिश्तें बाक़ी हैं;
एक साँसकी डोरी अटकी हैं,
एक प्रेमका बंधन बाक़ी हैं...!

1275 दीवार कच्चे मकान लोग आँगन रास्ते शायरी


1275
ए बुरे वक्त,
जरा आदबसे पेश आ...
वक्त ही कितना लगता हैं ,
वक्त बदलनेमें !

1273 इंतेज़ार दोस्त जान लुट मालूम शायरी


1273
बैठे बैठे ज़िन्दगी बरबाद ना किजिए,
ज़िन्दगी मिलती हैं कुछ कर दिखानेके लिए l
रोके अगर आसमान हमारे रस्तेको,
तो तैयार हो जाओ आसमान झुकानेके लिए ll

1274 इंतेज़ार दोस्त जान लुट मालूम शायरी


1274
क्या मांगू खुदासे मैं,
आपको पानेके बाद l
किसका करू इंतेज़ार मैं,
आपके आनेके बाद l
क्यूँ दोस्तोंपर जान लुटाते हैं लोग,
मालूम हुआ आपको दोस्त बनानेके बाद !

1271 दिल जुबान सच्चे रिश्ते अकेले बाजार शायरी


1271
क्या करे, रिश्तोंके बाजारमें आजकल…
वो लोग हमेशा अकेले पाये जाते हैं,
जैसे हम हैं साहेब...
जो दिल और जुबानके सच्चे होते हैं . . . !

1272 कोशिश हस्ती रूतबा तिनका शायरी


1272
कभी इनका हुआ हूँ मैं,
कभी उनका हुआ हूँ मैं,
खुदके लिए कोशिश नहीं की,
मगर सबका हुआ हूँ मैं…
मेरी हस्ती बहुत छोटी,
मेरा रूतबा नहीं कुछ भी,
लेकिन डूबतेके लिए सदा,
तिनका हुआ हू मैं 

29 April 2017

1270 ज़िंदगी वक़्त प्यार ख़ास शायरी


1270
वक़्त और प्यार ज़िंदगीमें
बहुत ख़ास होते हैं।
लेकिन वक़्त किसीका नहीं होता;
और प्यार हर किसीसे नहीं होता...!

1268 मीठा नशा झुठी बात वक्त गुज़र आदी शायरी


1268
कुछ मीठासा नशा था,
उसकी झुठी बातोंमें...
वक्त गुज़रता गया और
हम आदी हो गये...!

1269 सीख वक्त चाहत कदर थक एहसास शायरी


1269
सीख जाओ वक्तपर,
किसीकी चाहतकी कदर करना...
कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें,
एहसास दिलाते दिलाते...

1267 गुमान दुश्मन वार जान ख्याल शायरी


1267
गुमान था कि कोई दुश्मन,
जान नहीं ले सकता...
तेरे वारका तो,
ख्याल तक नहीं था......

1266 एहसास सागर लहरें मचल साहिल मजधार आँख बात होठ प्यार शायरी


1266
एहसासोंके सागरमें,
आज लहरें हैं मचल रहीं,
समझ नहीं रही हैं की,
साहिल हैं या मजधार हैं,
हम कह चुके हज़ारों बार,
आँखोंसे अपने यह बात,
कहना हैं आज होठोंसे की,
हमको उन्हीसे प्यार हैं…

28 April 2017

1265 होठ उगलियाँ लिख दिन शायरी


1265
कोई होंठोंपें,
उगलियाँ रख गया था,
उसी दिनसे,
मैं लिखकर बोलता हूँ . . . !