11 July 2017

1501 - 1505


1501
कहाँ उलझ गया दिल,
किस प्यार में.......
बड़ा बेसबब गुज़रा,
एक हिस्सा उम्र का,
बेकार में.......
1502
ज़िंदगी तो सभी के लिए
एक रंगीन किताब है;
फर्क है तो बस इतना कि
कोई हर पन्ने को दिल से पढ़ रहा है; और
कोई दिल रखने के लिए पन्ने पलट रहा है।
1503
तेरे इश्क का सुरूर था,
जो खुदको बर्बाद किया,
वरना दुनिया मेरी भी,
दीवानी थी।
1504
लोगों मै और हम मे बस इतना फर्क है ...
लोग.....दिल को दर्द देते है,
और हम....... दर्द देने वाले को,
दिल देते है ...
1505
"दोस्ती" रूह में उतरा हुआ
मौसम है...
ताल्लुक कम कर देने से
मोहब्बत कम नही होती ...

10 July 2017

1496 - 1500


1496
बोतल पे बोतल पीने से क्या फायदा, मेरे दोस्त;
रात गुजरेगी तो उतर जाएगी!
पीना है तो सिर्फ एक बार किसी की बेवफाई पियो;
प्यार की कसम, उम्र सारी नशें में गुजर जाएगी!
1497
करेगा जमाना कदर,
हमारी भी एक दिन देख लेना...
बस जरा ये भलाई की,
बुरी आदत छुट जाने दो.......
1498
उसकी हसरतों को,
मेरे दिल मॆं लिखनॆवालॆ...
काश उसको मॆरॆ नसीब मॆं भी,
लिख दिया होता ... ... ...
1499
रिश्तों की एहमियत को समझो,
इन्हें जताया नहीं,
निभाया जाता है !!!
1500
देख ली न तुमने.......
मेरे ऑसुओ की ताकत...
कल रात मेरी ऑखे नम थी !
आज तेरा सारा शहर भीगा हैं !!!

9 July 2017

1491 - 1495


1491
किसी चेहरे पर...
ख़ुशी की तलाश न कर ,
हर चेहरा फरेब है,
और हर कहानी अधूरी...!!
1492
लौट आऊँगा फिरसे
तेरी पनाहों में ऐ ज़िन्दगी.....
बाज़ार-ए-इश्क़ में
पूरी तरह लुटने तो दे मुझे.......!
1493
अभी तो,
प्यार की किताब खोली ही थी…
और ना जाने कितने,
इम्तेहान आ गए........
1494
किसी और की दौलत, किसी के किस काम की
किसी और की शौहरत, किसी के किस काम की
जो किसी के पास का अंधेरा न मिटा सके,
वो दूर से दिखती रोशनी, किसी के किस काम की ?
1495
जब कभी टूट कर बिखरो,
तो बताना हमको...
तुम्हें रेत के जर्रों से भी,

चुन सकते हैं हम.......

8 July 2017

1486 - 1490


1486
मेरे अंदर भी कमियॉ ढेरसारी होंगी.......
पर
एक खुबी भी है...
हम किसी के साथ
" म त ल ब  "
के लिये रिश्ते नही रखते...
1487
खोई आँखो में उन को सज़ा लिया,
आरज़ू मे उन की चाहत को बसा लिया,
धड़कन भी अब ना ज़रूरी हमारे लिए,
जब से दिल में उन्ही को बिठा लिया...
1488
यादें बजती रहीं,
उनकी घुँघरुओं की तरह...
कल रात भर...
फिर उन्होने मुझे सोने ना दिया.......
1489
मेरे गम ने होश उनके भी खो दिए,
वो समझाते समझाते खुद ही रो दिए l
1490
फकीरों के डेरे में रोशनाई बहुत है,

इस मौसम में रहनुमाई बहुत है ...

7 July 2017

1481 - 1485


1481
जमाने की नज़र में,
अकड़ के चलना सीख ले दोस्त..!!
मोम का दिल ले कर चलोगे तो लोग जलाते रहेंगे..!!

1482
छोड तो सकता हु मगर
छोड नही पाते उसे
वो शख्स.......
मेरी बिगडी आदत कि तरह है !

1483
जाने किस किस को लूटा है,
इस चोर ने मसीहा बनकर,,,
के आओ सब मिलकर,
इश्क पे मुकदमा कर दे,,,,,,,

1484
अगर रेत में लिखा होता
तो मिटा भी देते...
उन्होने तो दिल की
दहलीज पर कदम रखा है...

1485
बेवजह ही आए वो,
मेरी जिन्दगी में...

पर वजह बन गये है
जिन्दगी जीने की...!

5 July 2017

1476 - 1480


1476
हर रात जान-बुझकर रखता हूँ
दरवाजा खुला . . . !
शायद कोई लूटेरा,
मेरा गम भी लूट ले !!!
1477
जीनी थी जो तेरे साथ, अभी वो शाम बाकि है,
पीना था जो तेरी आँखों से, अभी वो जाम बाकि है,
वादा किया था हमने जो, तुझको भुला के जीने का,
खुद को मिटाने का, अभी वो काम बाकी है !
1478
मत पूछो शिशे को उसकी...
टूट जाने कि वज़ह,
उसने भी किसी पत्थर को,
अपना समझा होगा...!
1479
सौ दुशमन बनाए हमने,
किसी ने कुछ ना कहा,
एक को हमसफर क्या बनाया,
सौ उँगलियाँ उठ गई.......
1480
बहुत शौक था...
सबको जोड़ के रखने का जफर।

होश तब आया जब,
अपने वजूद के टुकड़े देखे।

4 July 2017

1471 - 1475


1471
शाम होते ही चिरागोंको बुझा देता हूँ,
मेरा दिल ही काफी है...
तेरी याद मे जलने के लिए...

1472
तुम मुझसे दोस्ती का मोल,
मत पूछना कभी,
तुम्हे किसने कहा,
की पेड़ छाँव बेचते है ?

1473
यूँ तो मोहब्बत की सारी
हकीक़त से वाकिफ है हम,
पर उसे देखा तो सोचा
चलो ज़िन्दगी बर्बाद कर ही लेते है…

1474
ये लफ्ज़-ए-मोहब्बत है,
तुमसे बातो बातो मैं निकलते है जुबां से,
और लोग शायरी समझकर,
वाह वाह किया करते है...!

1475
आओ ना मिलकर खोदे कब्र दिल की,

कमबख्त बड़ी बड़ी ख्वाहिशें करने लगा है ...!!!

3 July 2017

1466 - 1470


1466
हम नही जीत सकॆ उनसॆ ...
वो ऎसी शर्त लगानॆ लगॆ ...
प्यारी सी आखॊं को ...
मेरी आखों सॆ लडानॆ लगॆ ...
हम शायद जीत भी जाते ...
पर पलकॆ हम ने तब झपकाई ...
जब उनकी पलकों सॆ आसू आनॆ लगॆ ...
1467
थम के रह जाती है जिन्दगी
 "तब".......
......."जब"...
 जम के बरसती हैं पुरानी यादें,
1468
तेरा ऐसा भी क्या रिश्ता है ?
दर्द‎ कोई भी हो...
याद‎ तेरी ही आती है.......
1469
मेरी रातें ...... मेरे दिन
सब ख़ाक हैं उनके बिन
1470
जब तक बिके नही थे हम
कोई पुछता न था

तुने खरीद के,
अनमोल कर दिया !

1461 - 1465


1461
शहर के तमाम इज्जतदारों ने कर ली खुदखुशी ।
जब एक
बदनाम औरत ने आत्मकथा लिखनी चाही अपनी ।।

1462
"बड़ा फर्क है तेरी और मेरी मोहब्बत मेँ...,
तू परखती रहीं...
और हमने जिँदगी यकीन मेँ गुजार दी...."

1463
बिन उनके
यूँ तो हम अधूरे नहीं हैं.....!!
पर जाने फ़िर भी क्यूँ...
हम पूरे भी नही है.......!!

1464
बड़ी तब्दीलिया लाया हूँ
अपने आप मे लेकिन,
बस तुमको याद करने की
वो आदत अब भी है...

1465
हमारे दिल के दफ़्तर में,
तबादले कहाँ हुज़ूर ?...

यहाँ जो एक बार आया,
बस यहीं रह गया…

1 July 2017

1456 - 1460


1456
जिंदगी में कभी किसी
बुरे दिन से सामना हो जाए
तो इतना हौसला ज़रूर रखना कि
दिन बुरा था, जिंदगी नहीं...!

1457
"कांटो सी चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे,
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई l

1458
सिर्फ सांसें चलते रहने को ही
ज़िंदगी नहीं कहते.....!
आँखों में कुछ ख़्वाब और
दिल में उम्मीदें होना भी ज़रूरी हैं.......!

1459
आज एक दुश्मन ने
मेरे गले लग के कहा
यार...
इतना मत मुस्कुराया कर
बहुत जलन होती है...

1460
एहसास थकन का मुझे
पल भर नहीं होता ;

रस्ते में अगर...
मील का पत्थर नहीं होता...!

1451 - 1455


1451
मेरा और उस "चाँद" का
मुकद्दर एक जैसा है "दोस्त",,,!!
वो "तारों" में तन्हा,
मै "यारों" में तन्हा.....।।

1452
सो जाओ मेरी तरह तुम भी
गम को सीने मे छुपाकर
रोने या जागने से कोई मिलता
तो हम तनहा ना होते।

1453
हुए बदनाम फिर भी ,
ना सुधर पाये हम ,
फिर वही इश्क; वही शायरी और ...,
वही तुम।

1454
आखों कॆ परदॆ भी नम हो गयॆ है,
बातों कॆ सिलसिलॆ भी कम हो गयॆ है,
पता नही गलती किसकी है,
वक्त बुरा है या बुरे हम हो गयॆ है !

1455
दौलत नही, शोहरत नही,
न वाह चाहिए...
कैसे हो..?

दो लफ्ज की परवाह चाहिए...

29 June 2017

1446 - 1450


1446
प्यार में हमारे सब्र की
इंतेहा हो गयी.....
किसी और के लिये रोतें रोतें
वो मेरी बाहो में सो गयी...

1447
इश्क़ में ना जाने कब हम
हद से गुज़र गये,
कई सारे ख्वाब मेरी
आँखों में भर गये...

1448
बड़ी इबादत से पुछा था मैंने,
खुदा से जन्नत का पता...
थक कर नींद आयी तो खुदा ने,
माँ की गोद में सुला दिया…

1449
आपकी इस दिल्लगी मे,
हम अपना दिल खो बैठे...
कल तक उस खुदा के थे,
आज आप के हो बैठे.......

1450
कुछ वो हसीन है ,
कुछ मौसम रंगीन है ,

तारीफ करूँ या चुप रहूँ ,
जुर्म दोनो संगीन है !!!

28 June 2017

1441 - 1445


1441
खुशियाँ बटोरते बटोरते उम्र गुजर गई,
पर खुश ना हो सके,
एक दिन एहसास हुआ,
खुश तो वो लोग थे जो खुशियाँ बांट रहे थे !

1442
जब वक्त की धड़कन को थाम लेता है कोई,
जब हम सोते है रातों में और नाम लेता है कोई,
मोहब्बत उनसे बेइंतहा हो जाती है दोस्तो.....
जब हम से बेहतर हमें जान लेता है कोई.......

1443
नज़रें छुपा कर क्या मिलेगा,
नज़रें मिलाओ,
शायद...
हम मिल जाए.......!

1444
उसके सिवा किसी और को चाहना
मेरे बस में नहीं है ,
ये दिल उसका है ,
अपना होता तो बात और होती ।

1445
भुला कर दर्द-ओ-गम ज़िंदगी के...
इश्क़ के खुमार में जी लेंगे ,
बसा कर मोहब्बत का आशियाना,

यादों के हिसार में जी लेंगे ...!

26 June 2017

1436 - 1440


1436
कोई तो मिला जिसने,
सौदा करना सिखा दिया...
वर्ना बड़े अदब से
हर चीज खरीद लेता था...!

1437
सीख रहा हूँ मै भी, अब...
मीठे झूठ बोलने की कला...!
कड़वे सच ने हमसे, ना जाने...
कितने अज़ीज़ छीन लिए.....॥

1438
ख़्वाहिशें जो चल न सकी जमीं पर,
ख़्वाबों के परिंदे बन लौट आई है...
शाम ढलने पर !!!

1439
उड़ा भी दो सारी रंजिशें
इन हवाओं में यारो,
छोटी सी जिंदगी है
नफ़रत कब तक करोगे !!

1440
जहाँ में कुछ सवाल
जिंदगी ने ऐसे भी छोङे है,
जिनका जवाब हमारे पास...
सिर्फ खामोशी है !!!