23 May 2018

2776 - 2780 जिंदगी आँसू आँखें वक़्त फ़ासल नींद तकदीर रंज़ तपिश जवानी ज़ुबां तस्वीर यार शराब शायरी


2776
फ़ासलोंका एहसास तब हुआ
जब.......
मैने कहां "ठीक हूँ"
और उसने मान भी लिया...!

2777
शायरीकी बारिश,
कभी चुभती;
कभी लुभाती...!

2778
वक़्त गुज़रता गया दूरियाँ बढ़ती गयी,
जिंदगी युँहीं हर शाम ढलती रहीं l

हर रोज़ मुझसे रूठ जाते थे किसी बातपर,
हर रोज़ मेरी तकदीर बस यूँ बदलती रहीं l

ख्वाब आएँगे कैसे इन सुनसान रातोंमें,
तेरी बिना नींद भी बस मचलती रहीं l

रंज़की तपिशमें खाक हो गया सब कुछ,
आँसूओमें यूँ ही जिंदगी पिघलती रहीं ll

2779
वो तो आँखें हैं,
जो बोल गयीं सबकुछ...
ज़ुबां होती,
तो मुकर गये होते.......

2780
अपनी जवानीमें,
और रखा ही क्या हैं;
कुछ तस्वीरें यारकी,
बाकी बोतलें शराबकी.......l

21 May 2018

2771 - 2775 जिंदगी बारिश याद ख्वाब यादें मुश्किल फुर्सत पल काबिल यकीन अफसोस दरिया हुनर रास्ता शायरी


2771
सुना हैं, बहोत बारिश हैं, तुम्हारे शहरमें,
पर ज्यादा भीगना मत...
गर धुल गई सारी गलतफहमियॉं,
तो बहोत याद आएंगे हम...।

2772
वो मुझसे पूछती हैं,
ख्वाब किस किसके देखते हो,
बेखबर जानती ही नहीं,
यादें उसकी सोने कहाँ देती हैं...!

2773
ज़िंदगी.......!
मुश्किलोंके कुछ हल दें,
बहुत थक गये हैं,
फुर्सतके कुछ पल दे,
दुआ हैं दिलसे सबको,
आजसे बेहतर कल दे...!

2774
मैं इस काबिल तो नहीं,
कि कोई अपना समझे...
पर इतना यकीन हैं,
कोई अफसोस जरूर करेगा,
मुझे खो देनेके बाद...!

2775
हम भी दरिया हैं,
हमें अपना हुनर मालूम हैं;
जिस तरफ़ भी चल पड़ेगे,
रास्ता हो जाएगा.......।

2766 - 2770 दिल रात बात याद ख़्वाब तन्हा इश्क मोहब्बत तस्सली बात लब्ज़ आँख खास शायरी


2766
रात बातोंमें गुजरे,
रात यादोंमें गुजरे,
रात ख़्वाबोंमें गुजरे,
मगर...
रात तन्हा गुजरे...!

2767
हमें कहा पता था,
इश्कके मायने हुजूर;
तुम मिले और...
जिंदगी मोहब्बत बन गई...!

2768
दिलको तस्सली हैं,
कि वो याद करते हैं,
पर बात नहीं करेंगे...
तो एहसास कैसे होगा...!
वो एहसास थे; वहीं ख़ास थे...!

2769
दिल--ज़ज़्बात जब पिघलते हैं,
लब्ज़ तब शायरीमें ढलते हैं,
चैन मिलता नहीं हैं रातोंको,
ख़्वाबोमें भी करवटें बदलते हैं,
संग--दिलमें दबे हुए शोले,
वक्तके साथ ही मचलते हैं,
ग़मकी बदली या धूप हो सुखकी,
अश्क हमेशा आँखोंसे ही निकलते हैं !

2770
इंसान चाहे कितना भी आम हो...
वो किसी ना किसीके लिए,
खास जरूर होता हैं.......!

19 May 2018

2761 - 2765 जिन्दगी बारिश याद मौसम नफरतें आँखे इश्क़ ताबीज़ बात वफ़ा वादे दिल दीवार शायरी


2761
ये भीगे भीगेसे लम्हें,
ये बारिशोंके दिन,
ये तेरी यादोंका मौसम,
और फ़िरसे जीना तेरे बिन...!

2762
नफरतें सर उठाके घूमती रहीं,
और इश्क़ ताबीज़ोंमें रह गया...

2763
कौन जितेगा उनसे बातोंमें,
जिनकी आँखे भी कमाल करती हो...!

2764
वफ़ाके वादे,
वो सारे भुला गयी चुप चाप,
वो मेरे दिलकी दीवारें,
हिला गयी चुप चाप.......!

2765
बारिशमें रख दो...
इस जिन्दगीक़े पन्नोंको,
ताकी धुल जाए स्याही,
जिन्दगी फिरसे,
लिखनेका मन करता हैं,
कभी-कभी।

18 May 2018

2756 - 2760 दिल इश्क़ चेहरा निगाहे खामोश बात गजल आँख मोहब्बत उदास नाराज बारिश याद शायरी


2756
चेहरा मेरा था ओर निगाहे उसकी,
खामोशीमें भी वो बातें उसकी,
मेरे चेरेपर गजल लिखती गयी,
शेर कहती हुई आँख़े उसकी...!

2757
मेरे इश्क़में ना थी वो आग,
जो तुझे जला सके;
मैं तेरी मोहब्बतमें इस कदर जला,
लोग राख भी ना उठा सके...

2758
ना रखें नाराजगी दिलमें...
दिलको साफ कर दो;
जिसके बिना लगे खुदको अधूरा,
बेहतर हैं उन्हें माफ कर दो.......!

2759
उदास रहता हैं,
मोहल्लेमें बारिशका पानी आजकल...
सुना हैं कागजकी नाव बनाने वाले,
बड़े हो गए.......!

2760
हज़ारों लोग मिले,
मौज़ोंकी रवानीमें,
आप ही बस याद रहे,
ज़िन्दगीकी कहानीमें "

17 May 2018

2751 - 2755 याद आँखे रंग नादान मुकम्मल शख़्स जहान उम्र ख्वाब ख्वाहिश कागज शायरी


2751
जब भी उनकी,
यादोंने तंग किया,
मैने कोरे कागजोंको,
रंग दिया.......।

2752
सुनो मुझको याद करते हो या...
यादोंका भी रोजा
चल रहा हैं.......!

2753
आये हो आँखोंमें,
तो कुछ देर तो ठहर जाओ,
एक उम्र लग जाती हैं,
एक ख्वाब सजानेमें...!

2754
ख्वाहिश बड़ी नादान होती हैं...
मुकम्मल होते ही...
बदल जाती हैं.......।।

2755
ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता...
एक ही शख़्स था जहानमें क्या...?

16 May 2018

2746 - 2750 दिल जिंदगी मोहब्बत खुशबु महसुस चाहत किस्मत सुलह जीवन समझ पागल शायरी


2746
चलो मान लेता हुँ,
मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती,
लेकिन आप ये बतावो...
की आपको दिल तोडना किसने सिखाया...!!!

2747
कुछ लोग मेरी जिंदगीमें,
खुशबुकी तरह हैं...
महसुस तो होते हैं,
दिखाई हीं देते.......!

2748
मेरी चाहतको,
मेरे हालतके तराजुमें ना तोल,
मैने वो जख्म भी खाऐं हैं,
जो मेरी किस्मतमें नहीं थे...!

2749
सुलह करलो.......
अपनी किस्मतसे,
कोई तो हैं, जो बिकता नहीं,
रिश्वतसे.......!

2750
बहुत देखा जीवनमें,
समझदार बनकर;
पर ख़ुशी हमेशा,
पागलपनसे ही मिली हैं ।।

15 May 2018

2741 - 2745 प्यार मोहब्बत तलाश लम्हे अंदाज़ याद धड़कन ज़माने शायरी


2741
ज्यादा कुछ तो नहीं,
जानता मैं मोहब्बतके बारेमें,
बस तुम सामने आते हो,
तो तलाश ख़तम हो जाती हैं...!

2742
जाने कब खर्च हो गये,
पता ही चला,
वो लम्हे, जो छुपाकर रखे थे...
जीनेके लिए !

2743
किसीको चाहो तो इस अंदाज़से चाहो,
कि वो तुम्हे मिले या ना मिले,
मगर उसे जब भी प्यार मिले,
तो तुम याद आओ.......!

2744
रूक जाये मेरी धड़कन,
तो इसेमौतना समझना;
कई बार ऐसा हुआ हैं,
आपको याद करते करते...!

2745
"मानाके मर जानेपर,
भुला दिए जाते हैं लोग ज़मानेमें,
पर मैं तो अभी जिन्दा हूँ,
फिर कैसे उसने मुझे भुला दिया...?

14 May 2018

2736 - 2740 चाह रिश्ते बिछड इन्सान मासूम मुहब्बत हिचकी नेकी दुहाई बेवफ़ाई शायरी


2736
आओ मिलकर ढूंढ ले,
वजह फिरसे एक हो जानेकी;
यूँ एक दूसरेसे बिछडकर,
ना तो तुम अच्छे लगते हो और ना ही हम !

2737
"कुछ रिश्तोमें,
इन्सान अच्छा लगता हैं,
और कुछ इन्सानोंसे,
रिश्ता अच्छा लगता हैं..."

2728
तेरे चाहने वालोंकी भीड़ देख...
मेरी मासूम मुहब्बत सहमसी गयी हैं...
आज फिर बैठे हैं एक हिचकीके इंतजारमें,          
देखें तो सही कब याद करते हैं...!

2739
यूँ तो मोहब्बतकी सारी,
हकीक़तसे वाक़िफ़ हैं हम...
पर उसे देखा तो सोचा,
चलो ज़िन्दगी बर्बाद कर ही लेते हैं...

2740
तेरी नेकीकी अब,
दुहाई दे मुझे...
तेरी बेवफ़ाईसे,
अभी अभी वाक़िफ़ हुवा हूँ.......

13 May 2018

2731 - 2735 प्यार जमाने परवाह नाराज़ रिश्ते याद शोर हिसाब अजीब जुल्म दुनियाँ बर्दाश्त शायरी


2731
नाराज़गियोंको कुछ देर चुप रहकर,
मिटा लिया करो,
ग़लतियोंपर बात करनेसे,
रिश्ते उलझ जाते हैं...!

2732
हम शोर करते हैं,
तो आपकी यादोंमें बसते हैं;
बस आप हिसाब करते रहना,
हम शोर करते रहेंगे.......!

2733
अजीब जुल्म करती हैं,
उनकी यादें मुझपर;
सो जाऊँ तो उठा देती हैं,
जाग जाऊँ तो रुला देती हैं।

2734
जी भरके देखू तुझे अगर गवारा हो,
बेताब मेरी नज़रे हो और चेहरा तुम्हारा हो,
जानकी फिकर हो जमानेकी परवाह,
एक मेरा प्यार हो जो बस तुमारा हो !

2735
यूँ तो दुनियाँका,
हर ग़म सहा हँसते हँसते,
जाने क्यों तुझसे मिली ये तन्हाई,
बर्दाश्त नहीं होती.......!