2736
आओ मिलकर ढूंढ ले,
वजह फिरसे
एक हो जानेकी;
यूँ एक दूसरेसे बिछडकर,
ना तो तुम
अच्छे लगते हो
और ना ही
हम !
2737
"कुछ
रिश्तोमें,
इन्सान
अच्छा लगता हैं,
और कुछ इन्सानोंसे,
रिश्ता अच्छा
लगता हैं..."
2728
तेरे चाहने वालोंकी
भीड़ देख...
मेरी मासूम मुहब्बत सहमसी गयी हैं...
आज फिर बैठे
हैं एक हिचकीके इंतजारमें,
देखें तो सही
कब याद करते
हैं...!
2739
यूँ तो मोहब्बतकी सारी,
हकीक़तसे वाक़िफ़ हैं हम...
पर उसे देखा
तो सोचा,
चलो
ज़िन्दगी बर्बाद कर ही
लेते हैं...
2740
तेरी नेकीकी
अब,
दुहाई न
दे मुझे...
तेरी बेवफ़ाईसे,
अभी
अभी वाक़िफ़ हुवा
हूँ.......
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