28 May 2018

2806 - 2810 जिंदगी दिल किस्मत लफ्ज़ इत्तेफाक़ जलन फुर्सत मुस्कुरा तकदीर समझ हसरत शायरी



2806
कुछ लोग जिंदगी होते हैं,
कुछ लोग जिंदगीमें होते हैं,
कुछ लोगोंसे जिंदगी होती हैं,
पर कुछ लोग होते हैं तो, जिंदगी होती हैं

2807
लफ्ज़ोंके इत्तेफाक़में,
बदलाव करके देख,
तू देख कर मुस्कुरा,
बस मुस्कुराके देख।

2808
हमे इतनी फुर्सत कहाँ,
कि तकदीरका लिखा देखे,
बस लोगोंकी जलन देख...
हम समझ जाते हैं,
कि अपनी तकदीर बुलंद हैं

2809
उसकी हसरतको,
मेरे दिलमें लिखने वाले,
काश उसको भी,
मेरी किस्मतमें लिखा होता...

2810
चुपकेसे दिल किसीका चुरानेमें हैं मज़ा,
आँखोंसे दिलका हाल सुनानेमें हैं मज़ा;
जितना मज़ा नहीं हैं नुमाइशमें इश्क़की,
उससे ज़्यादा इश्क़ छुपानेमें हैं मज़ा ...!

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