2756
चेहरा मेरा था
ओर निगाहे उसकी,
खामोशीमें भी
वो बातें उसकी,
मेरे चेहरेपर गजल
लिखती गयी,
शेर कहती हुई
आँख़े उसकी...!
2757
मेरे इश्क़में ना थी वो
आग,
जो तुझे जला
सके;
मैं तेरी मोहब्बतमें इस कदर
जला,
लोग राख भी
ना उठा सके...
2758
ना रखें नाराजगी
दिलमें...
दिलको साफ
कर दो;
जिसके बिना
लगे खुदको
अधूरा,
बेहतर हैं उन्हें
माफ कर दो.......!
2759
उदास रहता हैं,
मोहल्लेमें बारिशका पानी आजकल...
सुना हैं कागजकी नाव बनाने
वाले,
बड़े हो
गए.......!
2760
" हज़ारों
लोग मिले,
मौज़ोंकी रवानीमें,
आप ही बस
याद रहे,
ज़िन्दगीकी कहानीमें "
No comments:
Post a Comment