21 May 2018

2771 - 2775 जिंदगी बारिश याद ख्वाब यादें मुश्किल फुर्सत पल काबिल यकीन अफसोस दरिया हुनर रास्ता शायरी


2771
सुना हैं, बहोत बारिश हैं, तुम्हारे शहरमें,
पर ज्यादा भीगना मत...
गर धुल गई सारी गलतफहमियॉं,
तो बहोत याद आएंगे हम...।

2772
वो मुझसे पूछती हैं,
ख्वाब किस किसके देखते हो,
बेखबर जानती ही नहीं,
यादें उसकी सोने कहाँ देती हैं...!

2773
ज़िंदगी.......!
मुश्किलोंके कुछ हल दें,
बहुत थक गये हैं,
फुर्सतके कुछ पल दे,
दुआ हैं दिलसे सबको,
आजसे बेहतर कल दे...!

2774
मैं इस काबिल तो नहीं,
कि कोई अपना समझे...
पर इतना यकीन हैं,
कोई अफसोस जरूर करेगा,
मुझे खो देनेके बाद...!

2775
हम भी दरिया हैं,
हमें अपना हुनर मालूम हैं;
जिस तरफ़ भी चल पड़ेगे,
रास्ता हो जाएगा.......।

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