16 May 2018

2746 - 2750 दिल जिंदगी मोहब्बत खुशबु महसुस चाहत किस्मत सुलह जीवन समझ पागल शायरी


2746
चलो मान लेता हुँ,
मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती,
लेकिन आप ये बतावो...
की आपको दिल तोडना किसने सिखाया...!!!

2747
कुछ लोग मेरी जिंदगीमें,
खुशबुकी तरह हैं...
महसुस तो होते हैं,
दिखाई हीं देते.......!

2748
मेरी चाहतको,
मेरे हालतके तराजुमें ना तोल,
मैने वो जख्म भी खाऐं हैं,
जो मेरी किस्मतमें नहीं थे...!

2749
सुलह करलो.......
अपनी किस्मतसे,
कोई तो हैं, जो बिकता नहीं,
रिश्वतसे.......!

2750
बहुत देखा जीवनमें,
समझदार बनकर;
पर ख़ुशी हमेशा,
पागलपनसे ही मिली हैं ।।

No comments:

Post a Comment