5 May 2018

2696 - 2700 इश्क़ दर्द दीदार मुमकिन इजहार उम्र खबर याद साँस हुस्न अदा शोखियाँ शायरी


2696
दर्द ऐसी चीज हैं...
जिसका दीदार भी नामुमकिन;
और
इजहार भी...

2697
इतनी लम्बी उम्रकी दुआ,
मत मांग मेरे लिये...
ऐसा ना हो कि तू भी छोड दे,
और मौत भी ना आये.......!

2698
एक मैं हूँ कि
समझा नहीं खुदको अब तक
एक दुनियाँ हैं कि
जाने मुझे क्या-क्या समझ लेती हैं !

2699
अगर वो मेरे मरनेकी खबर पुछे,
तो कह देना कि.......
किसीकी यादोंमें था...
इतना खोया कि,
साँस लेना ही भुल गया...!

2700
हुस्न भी तेरा,
अदाएं भी तेरी,
नखरे भी तेरे,
शोखियाँ भी तेरी,
कमसे कम इश्क़ तो...
मेरा रहने दे.......!

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