28 February 2020

5526 - 5530 किस्मत तक़दीर एहसान यार कीमत दुनिया मुस्कान आशिक़ इश्क़ बेवफा फिदा खुशी दर्द शायरी


5526
तक़दीर लिखनेवाले एक एहसान करदे,
मेरे यारकी तक़दीरमें एक और मुस्कान लिख दे ;
न मिले कभी दर्द उनको,
तू चाहे तो उसकी किस्मतमें मेरी जान लिख दे !!!

5527
दर्द न होता तो,
खुशीकी कीमत न होती...
अगर मिल जाता सब-कुछ केवल चाहनेसे,
तो दुनियामें ऊपरवालेकी जरूरत ही न होती...!

5528
शख्स दर्द लेकर नही,
निकलते हैं इश्क़-ए-बाजारमें...
किसकी बेवफाई,
शायर बना देती हैं...!

5529
दर्दकी अपनीही एक अदा हैं,
वो सहनेवालेंपें हमेशा फिदा हैं...!

5530
आशिक़ नया नया हूँ,
सहज सहज सीखता जाऊँगा...
जितना गहरा दिलमें दर्द होगा,
उतना गहरा लिखता जाऊँगा...

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