1 February 2020

5411 - 5415 जमाना खफा मेहरबां नाराज जिंदगी वक्त संस्कार परेशान परवाह शायरी


5411
परवाह नहीं अगर,
ये जमाना खफा रहें;
बस इतनीसी दुआ हैं,
की तू मेहरबां रहें.......!

5412
उनसे क्या नाराजगी रखना जिंदगी...
जिन्हें तुम्हारी परवाह तक भी नहीं.......!

5413
उनकी परवाह मत करो,
जिनका विश्वास वक्तके साथ बदल जाए;
परवाह सदा उनकी करो,
जिनका विश्वास आप पर तब भी रहें...
जब आपका वक्त बदल जाए !!!

5414
बोली बता देती हैं, इंसान कैसा हैं...
बहस बता देती हैं, ज्ञान कैसा हैं...
घमण्ड बता देता हैं, कितना पैसा हैं...
संस्कार बता देते हैं, परिवार कैसा हैं...

5415
इतनी भी जिद ना दिखाओ की,
सामनेवालाभी अपनी जिदपे अकड़े;
आपकी लापरवाह नजरअंदाजीसे,
खूब परेशान होके आपसे मूँह ही मोड़े...!
                                                   भाग्यश्री

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