5506
हमारा मुस्कुराना बस,
दर्दको छुपानेका बहाना हैं...
हमारे जैसे होनेकी,
कोशिशभी
मत करना...
5507
जो साजसे निकली,
वो धुन सभी
जानते हैं...
जो तारपे गुजरी,
वो दर्द किसे
पता हैं...
5508
लोग मुझसे पूछते हैं,
दर्दकी कीमत क्या हैं...?
मै बोला मुझे पता नही,
लोग मुझे मुफ्तमें दे जाते हैं...!
5509
दर्द आँखोंसे निकला,
तो सबने कहा
कायर हैं ये...
दर्द अल्फ़ाज़में क्या ढला,
सबने कहा शायर
हैं ये...!
5510
जी चाहता हैं बंद
कर दूं.
ये शायरियाँ लिखना...
दिल मेरा टुटा हैं,
दिल मेरा टुटा हैं,
दर्द आप सबको
दे रहा हूँ...
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