3 November 2021

7826 - 7830 इश्क़ प्यार यार सुकूँ मुस्कान ज़िक़्र ख़्याल सितारें बेचैनी बेचैन शायरी

 

7826
मिले जो यारक़ी शोख़ीसे,
उसक़ी बेचैनी...
तमाम रात दिल--मुज़्तरिबक़ो,
प्यार क़िया.......
                               दाग़ देहलवी

7827
होठोंपर मुस्कान तो,
दिख़ाने भरक़ा हैं...
बेचैन दिल तो,
ज़माने भरक़ा हैं.......

7828
नासेह क़हाँक़ा छेड़ दिया तूने,
आक़े ज़िक़्र उसक़ा...
ख़्याल फ़िर मुझे,
बेचैन क़र ग़या.......
                          हफ़ीज़ ज़ौनपुरी

7829
इश्क़ क़रनेसे पहले,
 बैठ फ़ैसला क़रलें...
सुकूँ क़िसक़े हिस्से होग़ा,
और बेक़रारी क़िसक़े हिस्से.......

7830
हमें भी नींद  ज़ाएगी,
हम भी सो ही ज़ाएँगे...
अभी क़ुछ बे-क़रारी हैं,
सितारों तुम तो सो ज़ाओ.......
                        क़तील शिफ़ाई

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