14 April 2017

1206


तुम्ही ने सफ़र करवाया था,
मोहब्बत की कश्ती पे...
अब नजरे ना फ़ेर,

मुझे डूबता हुआ भी देख ले...!

13 April 2017

1205


रात की गहराई आँखों में उतर आई,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,

कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई |

1204


तूफान भी आना जरुरी है
जिंदगी में तब जा कर पता चलता है की

कौन हाथ छुड़ा कर भागता है
और कौन हाथ पकड़ कर...

1203


इतना अजीब सवाल था उनका
की हम चुप से हो गये...
यारों
वो बोले, हम पें मरते हो ना !!!

तो मरते क्यूँ नही...

1202


सीख कर गयी है,
वो मोहब्बत मुझसे...!
जिस से भी करेगी,

बेमिसाल करेगी...!!!

1201


दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहेता हे
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता
हे कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो

गुजारो वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे.

9 April 2017

1200


हम सादगी में
झुक क्या गए...
तुम तो हमें ,

गिरा हुआ समझने लगे...

1199


एक दुआ मांगते है हम अपने भगवन से...
चाहते है आपकी खुशी पुरे ईमान से...
सब हसरतें पुरी हो आपकी,

और आप मुस्कराए दिल-ओ-जान से...!

1198


फिर वो दानिस्ता ठोकर खाईये,
फिर मेरी आगोश मे खो जाईये,
ये हवा, सागर ये हलकी चांदनी,
जीमें आता है, यही मर जाईये...

1197


तारीखों में बंध गया है अब,
इजहार ए मोहब्बत भी।। 
रोज प्यार जताने की,
अब किसी को फुर्सत कहां।।

1196


फिर करीब से कुछ चेहरे पढ़े...
और न जाने कितने सबक सीख लिए।

7 April 2017

1195


आफत है तेरे खत के बिखरे हुवे टुकड़े,
रख्खे भी नहीं जाते फेंके भी नहीं जाते
वक्त गुज़र गया झुलसके गुलाब की पंखुडिंयोंको देखते,
पर उसके खुश्बु की महेक
आज भी दिल से नही उतरती

किसी इत्र की दराज़ से.......

1194


आधे से कुछ ज़्यादा है .......
पूरे से कुछ कम.....
कुछ जिन्दगी...
कुछ ग़म …....
कुछ इश्क.....
कुछ हम…

1193


धडकनो की यही तो खास बात है...
उनका दीदार हो बस.......
भरे बाजार में भी ,
साफ़ सुनाई पडती है…….

1192


उसके जीवन का हर फैसला,
मेरे लिए अनमोल था, क्योंकि...
उसने हर फैसले में सिर्फ एक ही लफ्ज कहा,
"जैसा तुम कहो"

1191


जिन्दगी जरूरतों का नाम है,
ख्वाहिशों का नहीं...
जरूरत फ़कीरों की भी पूरी हो जाती है ;
ख्वाहिशों बादशाहों की भी अधुरी रह जाती हैं...!

4 April 2017

1190


प्यार में कोई तो दिल तोड़ देता है...
दोस्ती मेँ कोई तो भरोसा तोड़ देता है...
जिंदगी जीना तो कोई
गुलाब से सीखे.....

जो खुद टूट कर...
दो दिलों को जोड़ देता है !!!

1189


मशवरा तो खूब देते हो
"खुश रहा करो"

कभी कभी वजह भी
बन जाया करो…!

1188


न दवा न दुआ
यह मोहब्बत है मेरे यार ...
इसमे भूलते नही ...
रोजाना मरते है हजार बार ।

1187


हमे पता है,
तुम मुसाफीर कही और के हो,

हमारा शहर तो,
युही बीच रास्ते मे गया था।

1186


हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है ...
शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है
कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम …....

और एक वो है … जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है……

1185 जिंदगी कबूल शायरी


तू सचमुच जुड़ा है,
गर मेरी जिंदगीके साथ...
तो कबूल कर मुझको,
मेरी हर कमीके साथ !!!

1184


अनदेखे धागे मे
बांध गया कोई
कि वो साथ भी नही और
हम आजाद भी नही।

1183


दिल तो करता है के मै
खरीद लु ये तेरी तन्हाई,

पर अफसोस मेरे पास खुद
तन्हाई के सिवा कुछ नहीं . . . !

3 April 2017

1182


वाह् फ़राज़ बड़ी जल्दी
खयाल आया हमारा।
बस भी करो अब चूमना.......

उठने भी दो अब जनाजा मेरा.......

1181


मुद्दतें हो गयी कोई शख्स तो अब
ऐसा मिले फ़राज़।
बाहर से जो दिखता हो...

अंदर भी वैसा ही मिले...

1180


उससे खफा होकर भी देखेंगे
एक् दिन फ़राज़।
के उसके मनाने का
अंदाज कैसा है.......

1179


वजह पूछने का तो
मौका ही नहीं मिला फ़राज़।
वो लहेजा बदलते गए और

हम अजनबी होते गए.......

1178


गलत सुना था की,
इश्क़ आँखों से होता है फ़राज़।
दिल तो वो भी ले जाते है,

जो पलके तक नही उठाते.......

1177


शक तो था मुहब्बत में
नुकसान ही होगा फ़राज़।
पर सारा हमारा ही होगा
ये मालूम न था.......

1176


औकात क्या है तेरी ऐ फ़राज़।
चार दिन की मुहब्बत भी
तुझे तबाह कर देती है.......

1 April 2017

1175


कर अपने दर्द दिल की नुमाइश
शायरी में बयां फ़राज़।

लोग और टूट जाते है
हर लफ्ज को अपनी दास्तान समझकर.......

1174


झूठ बोलने का रियाज
करता हूँ मैं सुबह शाम फ़राज़।

सच बोलने की अदा ने
हमसे कई अजीज यार छिन लिए.......

1173


बिछड़ना है तो यूँ करो
रूह से निकल जाओ फ़राज़।

रही बात दिल की
तो उसे हम देख लेंगे.......

1172


अब तेरी आँखों में
ये आँसू किसलिए फ़राज़।

जब छोड़ ही दिया था
तो भुला भी दिया होता.......

1171


सुना है तुम ले लेते हो बदला
हर बात का फ़राज़।
आजमाएंगे कभी
तेरे लबों को चूम के........

31 March 2017

1170


बस जीने ही तो,
नहीं देगी फ़राज़।
और क्या कर लेगी,
तेरी यादें.......

1169


बिना मतलब के दिलासे भी,
नहीं मिलते यहाँ मोहसिन।
लोग दिल में भी,
दिमाग लिए घूमते है.......

1168


साँसों का टूट जाना तो,
आम बात है मोहसिन।
जहा अपने बदल जाये,
उसे तो मौत  कहते है.......

1167


सीने पे तीर खाके भी,
अगर कोई मुस्करा दे मोहसिन।
निशाना लाख अच्छा हो,
मगर बेकार हो जाता है.......

1166

तेरी ख्वाइश कर ली तो,
कौनसा गुनाह कर लिया मोहसिन।
लोग तो दुआओं में,
पूरी कायनात मांग लिया करते है …….!

30 March 2017

1165


चलो चाँद का किरदार,
अपना लेते है फ़राज़।
दाग अपने पास रखके,
रोशनी बाँट देते है…….

1164


सुना है दिल समंदर से भी,
गहरा होता है फ़राज़।
फिर क्यूँ नही समाया,
कोई और उसके सिवा.......

1163


अगर तुम्हे यकीन नही,
तो कहने को कुछ नही मेरे पास फ़राज़।
अगर तुम्हे यकीन है,
तो मुझे कुछ कहने की जरूरत ही नही.......

1162


कितना कुछ जानता होगा,
वो शख्स मेरे बारे मे फ़राज़।
मेरे मुस्कराने पर भी जिसने पूछ लिया,
की तुम उदास क्यूँ हो.......

1161


अब मौत से कह दो,
हमसे नाराजगी ख़त्म भी करे फ़राज़।
वो बहुत बदल गए है,
जिनके लिए हम जिया करते थे.......

29 March 2017

1160


करता है वो मेरे
ज़ख़्मों का इलाज फ़राज़।
कुरेद कर देख लेता है रोज
और कहता है वक़्त लगेगा . . . . . . .

1159


वो मुझसे पूछती है
ख्वाब किस किस के देखते हो फ़राज़
बेखबर जानती ही नही
यादें उसकी सोने कहाँ देती है. . . . . . .

1158


ये दिल ही तो जानता है
मेरी पाक मुहब्बत का आलम फ़राज़।
के मुझे जीने के लिए
साँसों की नही तेरी जरूरत है . . . . . . .

1157


तेरे हुस्न को पर्दे की
जरूरत ही क्या है फ़राज़।
कौन रहता है
होश मे तुझे देखने के बाद . . . . . . .

1156


दीदार के काबिल
कहाँ मेरी नजर है फ़राज़।
ये तेरी इनायत है के
रुख तेरा इधर है......

28 March 2017

1155


देख ली तेरी इमानदारी दिल
तू मेरा और...
फिक्र किसी और की...?

1154


ख़ामोशियाँ भी
अजीब रिश्ता निभाती है...
लब अक्सर खुलते हैं ,
पर कभी आवाज़ नहीं आती है...

1153


तुमने अभी देखी ही कहां है,
हमारी फूलों जैसी वफा,
हम जिस पर खिलते हैं,
उसी पर मुरझा जाते हैं...

1152


यूँ तो ज़िन्दगी तेरे सफर से
शिकायते बहुत थी...
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुँचे
तो कतारे बहुत थी..!!

1151


हर बार यही होता है मेरे साथ,
हर एक रिश्ता नयी चोट दे जाता है !!

27 March 2017

1150


किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह;
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह;
किसे ख़बर थी बढ़ेगी कुछ और तारीकी;
छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह।

1149


एक और शाम बीत चली है
उन्हें चाहते हुए,
वो आज भी बे-खबर है
बीते हुए कल की तरह...

1148


कितने खुबसूरत हुआ करते थे,
बचपन के वो दिन...
के सिर्फ दो उंगलिया जुडने से,
दोस्ती फिर शुरू हो जाती थी . . . !