29 June 2017

1446 - 1450


1446
प्यार में हमारे सब्र की
इंतेहा हो गयी.....
किसी और के लिये रोतें रोतें
वो मेरी बाहो में सो गयी...

1447
इश्क़ में ना जाने कब हम
हद से गुज़र गये,
कई सारे ख्वाब मेरी
आँखों में भर गये...

1448
बड़ी इबादत से पुछा था मैंने,
खुदा से जन्नत का पता...
थक कर नींद आयी तो खुदा ने,
माँ की गोद में सुला दिया…

1449
आपकी इस दिल्लगी मे,
हम अपना दिल खो बैठे...
कल तक उस खुदा के थे,
आज आप के हो बैठे.......

1450
कुछ वो हसीन है ,
कुछ मौसम रंगीन है ,

तारीफ करूँ या चुप रहूँ ,
जुर्म दोनो संगीन है !!!

28 June 2017

1441 - 1445


1441
खुशियाँ बटोरते बटोरते उम्र गुजर गई,
पर खुश ना हो सके,
एक दिन एहसास हुआ,
खुश तो वो लोग थे जो खुशियाँ बांट रहे थे !

1442
जब वक्त की धड़कन को थाम लेता है कोई,
जब हम सोते है रातों में और नाम लेता है कोई,
मोहब्बत उनसे बेइंतहा हो जाती है दोस्तो.....
जब हम से बेहतर हमें जान लेता है कोई.......

1443
नज़रें छुपा कर क्या मिलेगा,
नज़रें मिलाओ,
शायद...
हम मिल जाए.......!

1444
उसके सिवा किसी और को चाहना
मेरे बस में नहीं है ,
ये दिल उसका है ,
अपना होता तो बात और होती ।

1445
भुला कर दर्द-ओ-गम ज़िंदगी के...
इश्क़ के खुमार में जी लेंगे ,
बसा कर मोहब्बत का आशियाना,

यादों के हिसार में जी लेंगे ...!

26 June 2017

1436 - 1440


1436
कोई तो मिला जिसने,
सौदा करना सिखा दिया...
वर्ना बड़े अदब से
हर चीज खरीद लेता था...!

1437
सीख रहा हूँ मै भी, अब...
मीठे झूठ बोलने की कला...!
कड़वे सच ने हमसे, ना जाने...
कितने अज़ीज़ छीन लिए.....॥

1438
ख़्वाहिशें जो चल न सकी जमीं पर,
ख़्वाबों के परिंदे बन लौट आई है...
शाम ढलने पर !!!

1439
उड़ा भी दो सारी रंजिशें
इन हवाओं में यारो,
छोटी सी जिंदगी है
नफ़रत कब तक करोगे !!

1440
जहाँ में कुछ सवाल
जिंदगी ने ऐसे भी छोङे है,
जिनका जवाब हमारे पास...
सिर्फ खामोशी है !!!

25 June 2017

1431 - 1435


1431
अपने वजूद पर
इतना न इतरा ऐ-जिंदगी,
वो तो मौत है...
जो तुझे मोहोलत देती जा रही है ।

1432
लूट लॆतॆ है अपनॆ ही,
वरना गैंरों को क्या पता,
की दिल की दिवार
कहा सॆ कमजोर है ...।

1433
वास्ता नहीं रखना तो;
नज़र क्यों रखती हो,
किस हाल में हूँ ज़िंदा,
ये ख़बर क्यों रखती हो...

1434
घड़ी-घड़ी वो हिसाब करने बैठ जाते हैं.......!!
जबकि पता है, जो भी हुआ, बेहिसाब हुआ.......!!

1435
यूही किसी की याद मे रोना फ़िज़ूल है,
इतने अनमोल आसू खोना फ़िज़ूल है,
रोना है तो उनके लिये जो हम पे निसार है,

उनके लिये क्या रोना जिनके आशिक़ हज़ार है...!

1426 - 1430


1426
जो आँखों मे रहते हैं, उन्हे याद नही करतें;
जो दिल मे रहते हैं, उनकी बात नही करतें;
उन्हे क्या पता, की हमारी रूह मे वो बस चुके हैं,
तभी तो मिलनें की हम, फरियाद नही करते !

1427
अकेले हम ही शामिल नहीं है
इस जुर्म में जनाब…
नजरे जब मिली थी......
मुस्कराए तुम भी थे !!!

1428
उनकी यादों को हमने सूफ़ियाना रखा,
अपने दिल में उनका आशियाना रखा,
जितनी बार हमने उनसे मिलने की कोशिश की,
उसने हर बार एक नया बहाना रखा...

1429
कोई कह दे उनसे जाकर,
की छत पे ना जाया करे ...
शहर मे बेवजह,
ईद की तारीख बदल जाती है .......

1430
एक बीज " मोहब्बत " का
क्या बो दिया यारो ,,,
सारी फसल " दर्द " की

काटनी पडी,,,,,,,

20 June 2017

1421 - 1425


1421
दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,
जब बरसी ख़ुशियाँ . . .
न जाने भीड़ कहां से आ गई .......

1422
गुज़र गया आज का दिन भी
यूं ही बेवजह...
ना मुझे फुरसत मिली...,
ना तुझे ख़्याल आया...!

1423
आज समान के तारों ने मुझे पूछ लिया;
क्या तुम्हें अब भी इंतज़ार है उसके लौट आने का!
मैंने मुस्कुराकर कहा;
तुम लौट आने की बात करते हो;
मुझे तो अब भी यकीन नहीं उसके जाने का !

1424
ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँ,
अब दिल चाहता है,
तुझको भी इक झलक देखूँ...

1425
खुद को लिखते हुए,
हर बार लिखा है 'तुमको'
इससे ज्यादा कोई
जिंदगी को क्या लिखता !!

19 June 2017

1416 - 1420


1416
सिलसिला खत्म क्यों करना,
जारी रहने दो,
इश्क़ में बाक़ी थोड़ी बहुत,
उधारी रहने दो...

1417
आज भी प्यारी है,
मुझे तेरी हर निशानी ...
फिर चाहे वो दिल का दर्द हो,
या आँखो का पानी...!

1418
आँखों में दोस्तो जो पानी है,
हुस्न वालों की ये मेहरबानी है,
आप क्यों सर झुकाए बैठे हैं,
क्या आपकी भी यही कहानी है ...?

1419
सोचा ना था,
वो शख्स भी इतना जल्दी साथ छोङ जाएगा.......!
जो मुझे उदास देखकर कहता था
"मैँ हू ना".....!!

1420
मुद्दतों बाद जब उनसे बात हुई
तो मैंने कहा...
कुछ झूठ ही बोल दो...

और वो हँस के बोले,
तुम्हारी "याद" बहुत आती है.......

18 June 2017

1411 -1415


1411
अपनों के बीच अपना तुम मुकाम ढुँढते हो ,
फिर शहर की भीड में क्यों इंसान ढुँढते हो .

खुदगर्जी की हद तो अाप अपनी देखिए ,
हाथों में सर लिए हरदम परेशान घुमते हो.

जमीर का फरेब कहें या कहें नसीब तेरा ,
जब भी चुमते हो बस खिंजा ही चुमते हो.

निदामत नहीं दिखती कभी चेहरे पे तेरे ,
तभी मक्तल में तुम सुब्हो-शाम घुमते हो .

फायक हैं वे जिन्होने गरीबों का प्यार देखा,
तुम जो हो के दौलत में भगवान ढुँढते हो .

1412
आंखों में आ जाते हैं आंसू,
फिर भी लबों पे हंसी
रखनी पड़ती है।
ये मुहब्बत भी
क्या चीज है यारों?
जिस से करते हैं
उसी से छुपानी पड़ती है।

1413
ख़ुशी कहा हम तो
"गम" चाहते है,

ख़ुशी उन्हे दे दो
जिन्हें "हम" चाहते हे.
जबरदस्ती मत मॉँगना साथ कभी ज़िन्दगी में किसी का,

कोई ख़ुशी से खुद चलकर आये
उसकी 'ख़ुशी' ही कुछ और होती है...

1414
मैंने पूछ लिया-
क्यों इतना दर्द दिया कमबख़्त तूने ?
वो हँसी और बोली-
"मैं ज़िंदगी हूँ !
पगले तुझे जीना सिखा रही थी !!

1415
इस दुनिया मे कोई किसी का
हमदर्द नहीं होता,
लाश को बाजु में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं।😔

"और कितना वक़्त लगेगा . . ."

1406 - 1410


1406
वो रोज़ देखता है
डूबते सूरज को इस तरह,
काश मैं भी किसी
शाम का मंज़र होता ।

1407
कभी मुझ को साथ लेकर,
कभी मेरे साथ चल के,
वो बदल गए अचानक,
मेरी ज़िन्दगी बदल के।

1408
बहुत अंदर तक,
तबाही मचा देता है ।
वो आँसू जो,
आँख से बह नही पाता.......

1409
गर्मी तो बोहत बढ़ रही है।
फिर भी उनका दिल
पिघल ने का नाम ही
नहीं ले रहा.......

1410
युं तो गलत नही होते
अंदाज चहेरों के;
लेकिन लोग...
वैसे भी नहीं होते,

जैसे नजर आते है...!

16 June 2017

1401 - 1405


1401
गालिब ने भी क्या खूब लिखा है...
दोस्तों के साथ जी लेने का एक मौका दे दे ऐ खुदा...
तेरे साथ तो मरने के बाद भी रह लेंगें ।

1402
बिछड़ते वही है जो साथ चलते है....
वर्ना आगे-पीछे तो हजारो होते है !!

1403
मेरे दोस्त ...
फुर्सत मिले तो उन दीवानों
का हाल भी पूछ लिया करो,
जिन के सीने में दिल की जगह
तुम धड़कते हों ...

1404
माना की मोहब्बत का हम
इजहार नहीं करते.....!
इसका मतलब ये तो नहीं,
की हम प्यार नहीं करते......!!

1405
काश तू भी बन जाए तेरी यादों कि तरह,

न वक़्त देखे, न बहाना, बस चली आये ।।

15 June 2017

1400


अपने सायें से भी ज्यादा
यकीं मुझे तुझ पर है,
मेरे मालिक ..
क्युकीं अंधेरों में तू मिल जायेगा पर

साया नहीं मिलेगा...

1399


ऐ सांवरी सुन ना....

एक आरज़ू सी दिलमे,
अक्सर छुपाये फिरता हूँ …
प्यार करता हूँ तुझसे,
पर कहने से डरता हूँ …
नाराज़ ना हो जाओ
कहीं मेरी गुस्ताखी से तुम …
इसलिए खामोश रह कर भी,
तेरी धड़कन को सुना करता हूँ ...

1398


शाम-ए-महेफिल!
चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं,
देखते हैं उनके पँख थक चुके है,
या अभी भी फड़फड़ाते हैं,
हँसते हैं खिलखिलाकर,
या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं,
वो बता देतें हैं सारी आपबीती,
या सिर्फ सफलताएं सुनाते हैं,
हमारा चेहरा देख वो,
अपनेपन से मुस्कुराते हैं,
या घड़ी की और देखकर,
हमें जाने का वक़्त बताते हैं,
चलो कुछ पुराने दोस्तों के,

दरवाज़े खटखटाते हैं !

1397


वो मेरे बोलने का हक़ छीन सकते हो...
मेरी खामोशियो का नहीं...
सोचा था उनको प्यार लुटाकर,
उनके  दिल में घर बनायेंगे,
हमे क्या पता था दिल देकर भी,

हम बेघर रह जाएँगे...!!

1396


तेरी इक झलक पाने को
तरस जाता है दिल मेरा..!!
खुश किस्मत हैं वो लोग

जो तेरा दीदार रोज करते हैं..!!

13 June 2017

1395


खुश तो वो रहते हैं जो
"जिस्मों" से मोहब्बत करते है ...
क्यूंकि... !!

रूह" से मोहब्बत करने वालों को अक्सर ...
"तड़पते" ही देखा है...!!

1394


सजा बन जाती है,
गुजरे हुए वक़्त की यादें...

न जाने क्यों छोड़ जाने के लिए,
जिंदगी में आते है लोग.......

1393


हमने उन्हें कहा की
तुम नही होते तो रोना आता है...

वो बोले रोते तो सब है
क्या मै सबका हो जाऊँ...

1392


क्यों डरें कि ज़िंदगी में क्या होगा;
हर वक़्त क्यों सोचें कि बुरा होगा;
बढ़ते रहें मंज़िलों की ओर हम;

कुछ ना मिला तो क्या हुआ,
तज़ुर्बा तो नया होगा...।

1391


अपने मतलब के अलावा
कौन किसी को पूछता है,

बिना रूह के तो घर वाले
मय्यत को भी नहीं रखते...

12 June 2017

1390


आजकल सवाल ही सवाल खिलते हैं,
फूलों की तरह . . . ,

जवाब गुम-सुम से मिट्टी में,
दबे रहते हैं . . . !

1389


कभी मुस्कुराती आँखें भी,
कर देती हैं कई दर्द बयां,

हर बात को रोकर ही बताना,
जरूरी तो नहीं ...

1388


ज़िंदगी जीने को एक यहाँ ख्वाब मिलता है,
यहाँ हर सवाल का झूठा जवाब मिलता है,
किसे समझे अपना किसे पराया,

यहाँ हर चेहरे पे एक नकाब मिलता है !