16 June 2017

1401 - 1405


1401
गालिब ने भी क्या खूब लिखा है...
दोस्तों के साथ जी लेने का एक मौका दे दे ऐ खुदा...
तेरे साथ तो मरने के बाद भी रह लेंगें ।

1402
बिछड़ते वही है जो साथ चलते है....
वर्ना आगे-पीछे तो हजारो होते है !!

1403
मेरे दोस्त ...
फुर्सत मिले तो उन दीवानों
का हाल भी पूछ लिया करो,
जिन के सीने में दिल की जगह
तुम धड़कते हों ...

1404
माना की मोहब्बत का हम
इजहार नहीं करते.....!
इसका मतलब ये तो नहीं,
की हम प्यार नहीं करते......!!

1405
काश तू भी बन जाए तेरी यादों कि तरह,

न वक़्त देखे, न बहाना, बस चली आये ।।

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