7 June 2017

1377 वक़्त बदल बातें आँख नमी कमी मोहब्बत शायरी


1877
बदल गया वक़्त,
बदल गयी बातें,
बदल गयी मोहब्बत. . . ;
कुछ नहीं बदला तो वो हैं,
इन आँखोंकी नमी और
तेरी कमी।

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