13 June 2017

1394 जिंदगी सजा वक़्त यादें शायरी


1394

यादें, Memories

सजा बन जाती हैं,
गुजरे हुए वक़्तकी यादें...
न जाने क्यों छोड़ जानेके लिए,
जिंदगीमें आते हैं लोग......

Becomes a punishment,
Memories of times gone by...
Don't know why to leave,
People come into life...

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