25 June 2017

1426 - 1430


1426
जो आँखों मे रहते हैं, उन्हे याद नही करतें;
जो दिल मे रहते हैं, उनकी बात नही करतें;
उन्हे क्या पता, की हमारी रूह मे वो बस चुके हैं,
तभी तो मिलनें की हम, फरियाद नही करते !

1427
अकेले हम ही शामिल नहीं है
इस जुर्म में जनाब…
नजरे जब मिली थी......
मुस्कराए तुम भी थे !!!

1428
उनकी यादों को हमने सूफ़ियाना रखा,
अपने दिल में उनका आशियाना रखा,
जितनी बार हमने उनसे मिलने की कोशिश की,
उसने हर बार एक नया बहाना रखा...

1429
कोई कह दे उनसे जाकर,
की छत पे ना जाया करे ...
शहर मे बेवजह,
ईद की तारीख बदल जाती है .......

1430
एक बीज " मोहब्बत " का
क्या बो दिया यारो ,,,
सारी फसल " दर्द " की

काटनी पडी,,,,,,,

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