6 June 2017

1372 रास्ते आजकल मुस्कुरा नशा शायरी


1372
आज वो मिली थी रास्तेपर,
पूछ रही थी कहाँ रहते हो आजकल...
हमने भी मुस्कुराके कह दिया,
"नशे" में...!

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