12 June 2017

1387 जिंदगी अलविदा पनाह दुआ शायरी


1387
सोया तो था मैं,
जिंदगीको अलविदा कहकर दोस्तो…
किसीकी बे-पनाह दुआओने मुझे,
फिरसे जगा दिया…

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