17 September 2016

555 कोशिश टूटा बिखर संभल बेहिसाब शायरी


555

Behisaab, In-numerously

कोशिश भी मत करना,
मुझे संभलनेकी अब तुम,
बेहिसाब टूटा हूँ,
जी भरके बिखर जाने दो मुझे

Do not even Try to,
Protect me any more,
I have Broken In-numerously,
Let me get scattered wholeheartedly...

554 इश्क इरादा कत्ल सर कलम साँस मौत शायरी


554

Sans par Maut, Death on Breath

इरादा कत्लका था तो ~
मेरा सर कलम कर देते ...
क्यूँ इश्कमें डालकर तुने ~
हर साँसपर मौत लिख दी…!

If your Intention was to Kill ~
You would have decapitated me...
By Embedding me in your Love ~
Why you wrote Death on every Breath...!

553 दिल गम याद ज़ख़्म मुस्कुरा क़ाबिल शायरी


553

Kabil, Capable

ना हम रहें दिल लगानेके क़ाबिल,
ना दिल रहा गम उठानेके क़ाबिल,
लगा उसकी यादोंके जो ज़ख़्म दिलपर,
ना छोड़ा उसने मुस्कुरानेके क़ाबिल

Neither I am left competent for making Love,
Nor my Heart is left capable to withstand Pains,
Scars of your memories are wounded on Heart,
That have not left me capable to smile any more...

16 September 2016

551 मोहब्बत तलाश बर्बाद पागल तलाश शायरी


551
Talash, Search
मोहब्बतकी तलाशमें निकले हो तुम,
अरे पागल
मोहब्बत खुद तलाश करती हैं…
जिसे बर्बाद करना हो l

You Going in the Search of Love,
Oh Mad...
Love Searches out itself...
To whom she wants to Ruin.

552 Mukabala, Competition

Mukabala, Competition

किसी ने पूछा " वो याद नहीं करते तुम्हें ",
तुम उन्हें क्यों याद करते हो...?
हमने मुस्कुरा कर कहा,
" रिश्ते निभाने वाले, मुकाबला नहीं किया करते.......! "
Somebody Asked " Does she Remembers You ",
Why do you Remember her...?
I smilled and Said,
" They don't compete, who wants to Fulfil the Relationship.......! "

15 September 2016

550 याद इंतज़ार साथ शाम शायरी


550

Shyam, Evening

एक शाम आती हैं,
तुम्हारी याद लेकर...
एक शाम जाती हैं,
तुम्हारी याद देकर...
पर मुझे तो उस शामका इंतज़ार हैं,
जो आए तुम्हे अपने साथ लेकर...!

An Evening comes,
With your Memory...
An Evening goes,
Offering your Memory...
I am waitting for that Evening,
Which will come along with You...!

549 जीना झूठ यार वादा इंतज़ार सच ऐतबार ख्वाहिश शायरी


549

Khwahish, Desire

जीनेकी ख्वाहिशमें हररोज़ मरते हैं,
वो आये आये हम इंतज़ार करते हैं...
झूठा ही सही मेरे यारका वादा हैं,
हम सच मानकर ऐतबार करते हैं

I die everyday in the Desire of Living,
I keep waitting whether she comes or not...
Though its false but its her Promise,
I believe her on Assumption.

548 ख़ामोश मोहब्बत लोग समझ बदनसीब शायरी


548

Badnaseeb, Unfortunate

क्यूँ करते हो मुझसे,
इतनी ख़ामोश मोहब्बत
लोग समझते हैं,
इस बदनसीबका कोई नहीं

Why do you Love me,
so Silently...
People feel that,
Nobody belongs to this Unfortunate...

13 September 2016

546 मोहब्बत महबूब जुदा वजूद शायरी


546

Wajood, Identity

जिस जिसने मोहब्बतमें,
अपने महबूबको खुदा कर दिया,
खुदाने अपने वजूदको बचानेके लिए,
उनको जुदा कर दिया l

Whoever Inscribed his Fiance,
equivalent to God,
To save his own identity,
God Separated them.

547 थोड़े सही बुरे इल्ज़ाम शायरी


547

Eljaam, Accuse

कोई इल्ज़ाम रह गया हैं,
तो वो भी दे दो,
हम तो पहलेसे बुरे थे,
अब थोड़े और सही

If you want to Accuse me any more,
I am ready to accept,
I was bad earlier,
Little more Though...

545 दिल हुस्न तोड़ मजबूर सादगी शायरी


545

Sadagi, Sobriety

हुस्नवाले जब तोड़ते हैं,
दिल किसीका...
बड़ी सादगीसे कहते हैं,
मजबूर थे हम...!

When Fiance breaks heart,
of her Lover...
Says with a deep Sobriety,
That I was Helpless...!

544 जान जिस्म रात मौत गुस्से शायरी


544

Jaan, Soul

कल रात मौत आयी थी,
गुस्सेमें बोली,
"जान ले लुंगी तेरी..."
मैने भी कह दिया:
' जिस्म 'ले जाओ,
जान ' तो...
'  उनके ' पास हैं...!!!

Death arrived Yesterday night,
Was speaking with Anger,
" I will take your Life away..."
So I also told:
Take away my Body,
' Soul ' Is...
with ' Her '...!!!

543 बात लोग साथ सोचना बोल मजा शायरी


543

Maja, Pleasure

"बात करनेका मजा तो,
उन लोगोंके साथ आता हैं,     
जिनके साथ कुछ बोलनेसे पहले,
कुछ सोचना पड़े...!"

"The Pleasure of Talking,
Is with those People,
Nothing is to be considered,
Before talking to them...!"

11 September 2016

542 बात लोग साथ सोचना बोल मजा शायरी


542

Afsos, Guilt

अब सज़ा दे ही चुके हो,
तो मेरा हाल ना पूछना l
अगर मैं बेगुनाह निकला,
तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा !

When you have Punished me,
Then do not ask my Condition .
If I proved Innocent,
You will feel immense Guilt !

541 अक्सर याद नींद बात कसूर चाहा इजाजत शायरी


541

Ijajat, Permission

वो सो जाते हैं,
अक्सर हमें याद किये बगैर...
हमें नींद नहीं आती,
उनसे बात किये बगैर...
कसूर उनका नहीं,
हमारा हैं,
उन्हे चाहा भी तो,
उनकी इजाजतके बगैर...!

She goes to Sleep,
without recalling me...
I could not go to Sleep,
without talking to her...
She is not at Fault,
though I,
As I am in desire,
without her Permission...!

9 September 2016

540 याद अजीब लोग बसेरा शहर गुरूर शायरी


540

Gurur, Pride

अजीब लोगोंका बसेरा हैं,
तेरे शहरमें;
गुरूरमें मिट जाते हैं,
मगर याद नहीं करते...

Strange people are residing,
In your City;
Perishes in Pride,
But don't Recall...

539 आवाज लफ्ज बुला ख़ामोशी शायरी


539

Khamoshi, Silence

सिर्फ आवाज और लफ्ज ही नहीं,
मेरी ख़ामोशी भी तुम्हें बुलाती हैं !

Not only my Voice and Words,
My Silence also calls You !

538 इंसान धोखा उम्मीदें शायरी


538

Ummide, Hopes

इंसानको इंसान धोखा नहीं देता हैं,
बल्कि वो उम्मीदें धोखा दे जाती हैं,
जो वो दूसरोंसे रखता हैं

A Man doesn't cheat a Man,
Its the Hope which cheats,
That is expected from Others.

7 September 2016

537 जीने मुर्दे खूब मौत शायरी


537

Maut, Death

एक मुर्देने क्या खूब कहा हैं...
ये जो मेरी मौतपर रो रहे हैं,
अभी उठ जाऊं
तो जीने नहीं देंगे !
Well said by a Perished Man...
Those who are Crying on my Death,
If I get up...
Will not Let me Live !

536 दिल चाह ख़्वाब तलक झलक शायरी


536

Zalak, Glimpse

ख़्वाब ही ख़्वाब,
कब तलक देखूँ...
अब दिल चाहता हैं,
आपको भी इक झलक देखूँ...

Only Dreams and Dreams,
To Watch up to What Extent...
Now my Wish is,
To Show you Glimpse...