11 September 2016

541 अक्सर याद नींद बात कसूर चाहा इजाजत शायरी


541

Ijajat, Permission

वो सो जाते हैं,
अक्सर हमें याद किये बगैर...
हमें नींद नहीं आती,
उनसे बात किये बगैर...
कसूर उनका नहीं,
हमारा हैं,
उन्हे चाहा भी तो,
उनकी इजाजतके बगैर...!

She goes to Sleep,
without recalling me...
I could not go to Sleep,
without talking to her...
She is not at Fault,
though I,
As I am in desire,
without her Permission...!

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