26 September 2016

575 वक़्त गुज़र मोहब्बत आरज़ू सजदा शायरी


575

Sajda, Worship

वो वक़्त गुज़र गया,
जब मुझे तेरी मोहब्बतकी आरज़ू थी;
अब तू ख़ुदा भी बन जाए,
तो मैं तेरा सजदा ना करुँ...

That Time has Passed away
When I was Desperate for your Love;
Now If you become God even,
I may not Worship You...



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