6 September 2016

534 हथेली रखकर नसीब शख्स मुकद्दर ढूंढ पत्थर समंदर शायरी


534

Samandar, Sea

हथेलीपर रखकर नसीब,
हर शख्स मुकद्दर ढूंढता हैं...
सीखो उस समंदरसे,
जो टकरानेके लिए,
पत्थर ढूंढता हैं...

Holding Fate in the Palms,
Everybody searches for Destiny...
It is to be Learned from The Sea,
Who to Strike,
Finds Stones...

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