27 September 2016

576 दिल तरस मिलने कतरा लोग बदल शायरी


576

Badal, Change

तरसते थे जो मिलनेको हमसे कभी !
आज वो क्यों मेरे साएसे कतराते हैं !
हम भी वहीं हैं, दिलभी वहीं हैं !
जाने क्यों लोग बदल जाते हैं !

Those were desperate to meet me sometime !
They are afraid of my Shadow Today !
I am The Same, My Heart is Same !
Don't Understand Why people Change !

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