2 September 2016

524 आँख पलक मिल सुकून शायरी


524

Sukoon, Pacification

तुम आँखोंकी,
पलकों जैसे हो गए हो l
कि मिले बिना,
सुकून ही नहीं आता...!

You have become Like,
Eyelids of Eyes.
Without Meeting,
There is no Pacification...!

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