24 September 2016

566 सीख सिखा उम्र तमाम किताबें करीब चेहरे सबक शायरी


566

Sabak, Lesson

सिखा सकी जो उम्रभर,
तमाम किताबें मुझे...
फिर करीबसे कुछ चेहरे पढ़े,
और जाने कितने सबक सीख लिए।

Could not Teach me in whole the Life Span,
Any of the Books...
Then I read few faces closely,
And innumerous Lessons Learned unknowingly.

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