18 March 2017

1105 हवा आजमा चिराग बुझा जला शायरी


1105
हवासे कह दो की,
खुदको आजमाके दिखाये;
बहुत चिराग बुझाती हैं,
एक जलाके दिखाये...

1104 ज़िंदगी नादान चुप दर्द सुबह शाम जमाने दास्तां नाम शायरी


1104
ज़िंदगी हैं नादान इसलिए चुप हूँ...
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ...
कह दूँ जमानेसे दास्तां अपनी...
उसमें आयेगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ...!

1103 दुनियाँ अजीब दर्द आँख कायर बात शायर शायरी


1103
ये दुनियाँवाले भी बडे अजीब हैं...
दर्द आँखोसे निकले,
तो कायर कहते हैं...
और बातोंसे निकले,
तो शायर कहेते हैं......

1102 दुआएं दौलत और शोहरत साथ शायरी


1102
दुआएं जमा करनेमें लगा हूँ यारों...
..... सुना हैं…..
दौलत और शोहरत साथ नहीं जाते...

1101 दिल सोच हाल मुहब्बत डर शायरी


1101
सोचते हैं कह तो दें,
हाल-ए-दिल तुमसे,
पर डरते हैं कहीं फिरसे तुम्हें...
हमसे मुहब्बत हों जायें !

17 March 2017

1099 किस्मत लड़न मजा हार जीत शायरी


1099
किस्मतसे लड़नेमें
मजा आ रहा हैं दोस्तों !
ये मुझे जीतने नहीं दे रहीं,
और हार मैं मान नहीं रहा !

1100 जिंदगी खूबसूरत पल किस्सा हिस्सा टूट रिश्ता शायरी


1100
खूबसूरतसा एक पल किस्सा बन जाता हैं,
जाने कब कौन जिंदगीका हिस्सा बन जाता हैं l
कुछ लोग जिंदगीमें मिलते हैं ऐसे,
जिससे कभी ना टूटनेवाला रिश्ता बन जाता हैं ll

1097 जिंदगी याद शाम बात समा बाद रात तनहा साथ शायरी


1097
"शामके बाद मिलती हैं रात,
हर बातमें समाई हुई हैं तेरी याद...
बहुत तनहा होती ये जिंदगी,
अगर नहीं मिलता जो आपका साथ ll"

1098 शाम चराग़ सजा इंतजार पलके ​हवा शमा शर्त शायरी


1098
हमने ये शाम चराग़ोंसे सजा रक्खी हैं;​​
आपके इंतजारमें पलके बिछा रखी हैं;
​हवा टकरा रहीं हैं शमासे बार-बार;​​
और हमने शर्त इन हवाओंसे लगा रक्खी हैं

1096 सच खुली किताब राज़ लहर नदी समन्दर प्यास शायरी


1096
कहनेको खुली किताब हूँ मैं  !
मगर सच कहूँ तो एक राज़ हूँ मैं,
सबको लगता हैं...
लहर हूँनदी हूँ,
या समन्दर हूँ मैं,
मगर सच कहूँ तो बस...
प्यास हूँ मैं ! ! !

16 March 2017

1095 दिल मौसम कोहराम हवा बदल नाम शायरी


1095
"कोहराम मचा रखा हैं सर्द हवाओंने...
और एक तुम्हारे दिलका मौसम हैं,
जो बदलनेका नाम ही नहीं लेता...!"

1094 कलम सहारे उतर कागज ख्याल कमबख़्त जिद्दी शायरी


1094
उतर ही आते हैं,
कलमके सहारे,
कागजपर तेरे ख्याल..!
कमबख़्त ये जिद्दी बहुत हैं !!!

1093 यादें बातें साथ पास शायरी


1093
इतनी यादें तेरी,
पर तू मेरे पास ही नहीं,
इतनी बातें हैं करनेको,
पर तू साथ नहीं...

1091 धड़कने टूट बिखर बेहिसाब याद शायरी


1091
धड़कने टूटकर बिखर जाती हैं…
जब तुम बेहिसाब याद आते हो।

1092 दिल हार जीत शायरी


1092
मुझे कहांसे आएगा,
लोगोंका "दिल" जीतना...
मैं तो अपना भी,
"हार" बैठा हुँ...!

1090 मुहब्बत सिलसिला अजीब अपना बना शायरी


1090
उसकी मुहब्बतका सिलसिला भी,
क्या अजीब हैं . . .
अपना भी नहीं बनाती और
किसीका होने भी नहीं देती . . . !

15 March 2017

1089 मिलावट इश्क इत्र शराब महक बहक शायरी


1089
मिलावट हैं तेरे इश्कमें,
इत्र और शराबकी...,
वरना हम कभी महक,
तो कभी बहक क्यों जाते...!

1088 मिलावट इश्क इत्र शराब महक बहक शायरी


1088
छोटासा तालिका हैं
मेरी "ख़्वाहिशों" का l
पहले भी "तुम" और
आख़िरी भी "तुम" ll

1087 प्यार सोच ठुकरा शायरी


1087
मेरे जितना प्यार तुमसे किया हैं,
उतना किसीसे नहीं किया होगा,
अगर इसे ठुकराओगे तो
सोच लो क्या होगा

1086 मोहब्बत बातें अधूरी बता समझ शायरी


1086
मोहब्बतकी आजतक बस,
दो ही बातें अधूरी रही...
इक मैं तुझे बता नहीं पाया,
और दूसरी तूम समझ नहीं पाये…