2731
नाराज़गियोंको कुछ देर
चुप रहकर,
मिटा लिया करो,
ग़लतियोंपर बात करनेसे,
रिश्ते उलझ
जाते हैं...!
2732
हम शोर करते
हैं,
तो आपकी यादोंमें बसते हैं;
बस आप हिसाब
करते रहना,
हम शोर करते
रहेंगे.......!
2733
अजीब जुल्म करती हैं,
उनकी यादें
मुझपर;
सो जाऊँ तो
उठा देती हैं,
जाग जाऊँ तो
रुला देती हैं।
2734
जी भरके देखू तुझे अगर
गवारा हो,
बेताब मेरी नज़रे
हो और चेहरा
तुम्हारा हो,
जानकी फिकर
हो न जमानेकी परवाह,
एक मेरा प्यार
हो जो बस
तुमारा हो !
2735
यूँ तो दुनियाँका,
हर ग़म
सहा हँसते हँसते,
न जाने क्यों
तुझसे मिली ये
तन्हाई,
बर्दाश्त नहीं होती.......!