4956
तारीफ इतनी ही
काफी है,
की वो मेरे
महबूब है...
क्या ख़ास है
उसमे,
ऐसा मैने कभी
सोचा ही नही...!
4957
तारीफ नहीं करते
हम खुद की,
मगर ये सच
है की;
कोई कसर नहीं
छोडते,
रिश्ते निभाने में.......
4958
काबिल-ए-तारीफ
होने के लिये...
वाकिफ़-ए-तकलीफ़
होना पड़ता है...!
4959
तारीफ किसी की
करने के लिए,
जिगर चाहिए...
बुराई तो बिना
हुनर के,
किसीकी भी कर
सकते हैं...
4960
निंदा उसी की
होती है,
जो
जिंदा है...
मरनेके बाद तो
सिर्फ,
तारीफ होती
है.......!