5066
तलाश कर मेरी
कमीको,
अपने
दिलमें...
दर्द हो तो
समझ लेना की,
मुहोब्बत अभी बाकी हैं.......!
5067
तुम कभी कभी,
गुस्सा कर लिया
करो मुझसे;
यकीन हो जाता हैं की,
अपना
तो समझते हो...!
5068
मान लिया हैं
मैंने,
नही आता मुझे
मोहब्बत जताना...
नादाँ तो तुम
भी नही,
समझ न सको
शायरियों में...
जिक्र तुम्हारा.......!
5069
मुझे परखनेमें तुमने,
पूरी जिंदगी लगा दी...
काश,
कुछ वक्त समझनेमें लगाया होता...!
5070
रास्तेमें एक
हसीनाकी,
तस्वीरके टुकड़े बिखरे
मिले...
लगता हैं आज
फिर कोई इक,
दिवाना समझदार हो गया.......!