5176
हर वक़्त फ़िज़ाओंमें,
महसूस करोगे
तुम...
मैं प्यार की खशबू
हूँ,
महकूँगी ज़माने
तक...!
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घंटो तक उनकी
मौजूदगी,
एक तरफ...
जाते वक़्त उनका
पलटके देखना,
एक तरफ.......!
5178
हर रोज हर
वक़्त,
तेरा ही
ख्याल...
ना जाने किस
कर्जे की,
किस्त
हो तुम.......!
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काश तुम भी
तुम्हारी,
यादोकी
तरह बन जाओ...
न वक़्त देखो, न बहाना,
बस
चले आओ.......!
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पिनेको तो
पी जाऊ,
जहर भी उसके
हाथोंसे मैं;
पर शर्थ है
के गिरते वक़्त,
अपनी बाहो मैं
वो संभाले मुझको...!