29 November 2017

2021 - 2025 मोहब्बत याद दराज़ ठंडकआँसू फ़ुर्सत हिचकियाँ तड़प दुश्मन रिश्ता शायरी


2021
कुछ मीठीसी ठंडक हैं,
आज इन हवाओंमें...
शायद,
तेरी यादोंसे भरा दराज़,
खुला रह गया हैं...!

2022
कौन शरमा रहा हैं आज,
यूँ हमें फ़ुर्सतमें याद करके,
हिचकियाँ आना तो चाह रही हैं,
पर हिच-किचा रही हैं !!!

2023
जब मिलो किसीसे तो,
ज़रा दुरका रिश्ता रखना...
बहुत तड़पाते हैं अक्सर,
सीनेसे लगाने वाले लोग...!

2024
यह कहकर मेरा दुश्मन,
मुझे हँसते हुए छोड़ गया;
कि तेरे अपने ही बहुत हैं,
तुझे रुलानेके लिए..........

2025
मोहब्बत एक अहसासोंकी पावनसी कहानी हैं,
कभी कबिरा दिवाना था कभी मीरा दिवानी हैं,
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आँखोंमें आँसू हैं,
जो तू समझे तो मोती हैं,जो ना समझे तो पानी हैं ।

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