8 June 2019

4321 - 4325 खुशी गम अवसर मुस्कुरा याद शख्स दर्द साज आवाज बहाने उदास शायरी


4321
क्यों खुशीसे,
जीनेके बहाने ढूँढें...
गम तो किसी भी बहाने,
मिल जाता हैं...

4322
बिखरनेके बहाने तो,
बहुत मिल जायेगे;
आओ हम जुड़नेके,
अवसर खोजे.......!

4323
बहाने उदास होनेके,
बहुत मिलेंगे...
कभी मुस्कुराना हो तो,
हमे याद कर लेना...!

4324
कितना कुछ जानता होगा,
वो शख्स मेरे बारेमें...
मेरे मुस्कुरानेपर भी जिसने,
पूछ लिया की तुम उदास क्यों हो...

4325
गम हूँ, दर्द हूँ, साज हूँ,
या आवाज हूँ...
जो भी हूँ बस,
मैं तुम बिन बहुत उदास हूँ...

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