26 June 2019

4416 - 4420 ज़िन्दगी बेहद रिश्ते अल्फाज बात रास्ते खंजर दर्द जख्म तकलीफ नजर एहसास शायरी


4416
एहसासोंकी नमी,
बेहद ज़रूरी हैं हर रिश्तेमें...
रेत भी सूखी हो तो,
हाथोंसे फिसल जाती हैं.......

4417
कभी कभी लिखी हुई बातोंको,
हर कोई नहीं समझ सकता...
क्योंकि, उसमें " एहसास " लिखा होता हैं,
और लोग सिफ॔ " अल्फाज " पढ लेते हैं...

4418
उनके हाथ पकड़नेकी,
मजबूती जब ढीली हुई;
तो एहसास हुआ शायद,
ये वही जगह हैं, जहां रास्ते बदलने हैं...

4419
खंजरका इतना दर्द ना हुआ,
जख्मका एहसास तो तब हुआ...
जब चलाने वालेपे नजर पड़ी.......

4420
ज़िन्दगी जीनी हैं तो,
तकलीफें तो होंगी;
वरना मरनेके बाद तो,
जलनेका भी एहसास नहीं होता...!

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