8 June 2019

4326 - 4330 ज़िंदगी दुनिया होंठ मुस्कुरा निशानी हिफाजत मासूम चेहरा यार उम्र उदास शायरी


4326
निशानी क्या बताऊँ,
तूझे अपनें घरकी...
जहाँकी गलियाँ उदास लगे,
वहीं चले आना.......

4327
मुस्कुराहट जुदा करना,
मेरे यारके होठोंसे...
मासूमसा चेहरा हैं,
उदास हो तो अच्छा नहीं लगता...

4328
उनके हर एक लम्हेकी,
हिफाजत करना,  खुदा...
मासूमसा चेहरा हैं,
उदास अच्छा हीं लगता.......

4329
बताँऊ तुम्हें एक निशानी,
उदास लोगोंकी.......
कभी गौर करना,
यें हसते बहुत हैं.......

4330
उदास होनेके लिए,
उम्र पड़ी हैं;
नज़र उठाओ,
सामने ज़िंदगी खड़ी हैं;
अपनी हँसीको,
होंठोंसे जाने देना;
क्योंकि आपकी मुस्कुराहटके पीछे,
दुनिया पड़ी हैं.......!

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