4366
उनसे कहो
एक बार देखके,
आज़ाद कर
दे मुझे।
मैं आज भी
उनकी,
पहली नज़रकी कैदमें
हूँ ।।
4367
सुनो! बार बार
मेरी,
तस्वीर ना देखा
करो...
नज़र मोहब्बतकी होगी,
तो नज़र लग
जाऐगी...!
4368
अच्छा हैं कुछ
लोग हमें,
नफरतसे देखते हैं...
सभी प्यारसे देखेंगे
तो,
नज़र लग
जायेगी ना...
4369
पांवोंके लड़खड़ानेपे तो,
सबकी हैं नज़र...
सर पर हैं कितना बोझ,
कोई
देखता नहीं.......
4370
दवा जब असर
ना करे,
तो
नज़रें उतारती हैं...
माँ हैं ज़नाब,
ये हार कहाँ
मानती हैं...!
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