4411
एहसास-ए-मोहोब्बतके लिये,
इतना
ही काफी हैं...
तेरे बगैर भी
हम,
तेरे ही
रहेते हैं.......!
4412
अब उदास होना
भी अच्छा लगता
हैं,
किसीका पास
न होना भी
अच्छा लगता हैं।
मैं दूर रहकर भी किसीकी यादोंमें
हूँ,
ये एहसास होना भी
अच्छा लगता हैं।।
4413
काश वो समझ
पाते,
मेरे अनकहे लफ्ज़...
यह एहसास स्याही और
कागजका,
मोहताज़ ना होता.......!
4414
पहले तो यूँ
ही गुज़र जाती
थीं
मोहोब्बत हुई तो...
रातोंका एहसास
हुआ.......!!!
4415
बेनाम रिश्तेका ये,
कैसा एहसास हैं...
अजनबी हैं फिर
भी,
न जाने
क्यों खास हैं.......!
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